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पौंग झील में ईको टूरिज्म को बढ़ावा देगी प्रदेश सरकार

himachal प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के पदभार संभालते ही व्यवस्था परिवर्तन शुरू हो गया है। चुनाव के दौरान किए गए सभी वादे सरकार ने पूरे कर जनता का दिल जीत लिया है। वहीं, युवाओं के लिए घर द्वार रोजगार के द्वार भी खोलना शुरू कर दिए हैं। सरकार ने पहले गोबिंदसागर झील फिर कोलडैम अब पौंग डैम में भी टूरिज्म तथा ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए तैयारी शुरू कर दी है। रामसर साइट के नाम से प्रसिद्ध पौंग झील का इस्तेमाल अब टूरिज्म तथा ईको टूरिज्म को बढ़ाने के लिए किया जाएगा। अब तक इस झील का सुंदर नजारा, पर्यटकों के लिए कुछ सुविधाएं और प्रवासी परिदों की सुरीली आवाजें लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती आई हैं, लेकिन अब केंद्र सरकार इसे पर्यटन की दृष्टि से विकसित कर नया रूप देने जा रही है। इसके लिए पर्यटन मंत्रालय, हिमाचल सरकार के सहयोग से कार्य कर रहा है।

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परामर्शदाताओं की टीम पर्यटन की संभावनाओं की तलाश में जुटी हुई है। तीन से चार जगहों का चयन टूरिज्म तथा ईको टूरिज्म की दृष्टि से किया गया है। बताया जा रहा है कि कुछ कार्य की डीपीआर केंद्र सरकार को भेज दी गई है। केंद्र सरकार से फंडिंग होने के बाद पर्यटन को विकसित करने की दिशा में कार्य किया जाएगा। पर्यटन को विकसित करने के दौरान विदेशी परिंदें किसी भी सूरत में परेशान नहीं होने चाहिए। वन्य प्राणी विभाग हमीरपुर से मिली जानकारी के मुताबिक भारत सरकार ने पौंग झील को स्वदेश दर्शन 2.0 के तहत पर्यटन के लिए विकसित करने का निर्णय लिया है। स्थानीय लोगों को यहां पर आजीविका कमाने का अवसर मिलेगा। पर्यटन के लिए पौंग झील को विकसित करने के लिए हिमाचल पर्यटन विभाग तथा वन्य प्राणी विभाग के मध्य एग्रीमेंट साइन होगा। एग्रीमेंट साइन करने के बाद दोनों मिलकर सुनियोजित तरीके से कार्य को अंजाम तक पहुंचाएंगे। -एचडीएम

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