
अमरीका में सत्ता में बदलाव का असर अब साफतौर पर दिखाई देने लगा है। अमरीका ने अपनी नीतियों में बहुत बड़ा बदलाव करते हुए संयुक्त राष्ट्र महासभा में यूक्रेन युद्ध को लेकर रूस के खिलाफ आए प्रस्ताव में पुतिन का साथ दिया है। अमरीका ने अपनी कई साल से चली आ रही नीति को बदलकर पूरी दुनिया में तहलका मचा दिया। रूस के यूक्रेन पर हमले के तीन साल पूरे होने पर अमरीका का यह कदम रूस के लिए सबसे बड़े गिफ्ट की तरह से है। यही नहीं जी7 देशों की ओर से रूसी हमले की आलोचना करने के लिए जारी बयान में भी अमरीका के हस्तक्षेप के बाद उसे हल्का कर दिया गया और रूस को हमलावर मानने से इनकार कर दिया गया। अमरीका के इस कदम से यूरोपीय देश बुरे फंस गए हैं। अब तक अमरीका और यूरोपीय देश रूस के खिलाफ जंग में एक साथ थे, लेकिन अब अमरीका ने पाला बदल लिया है। इससे यूरोपीय देश ठगा सा महसूस कर रहे हैं।
दरअसल अमरीका ने यूएन महासभा में जेलेंस्की के प्रस्ताव के खिलाफ रूस के समर्थन में वोटिंग की। यूक्रेन ने रूस के साथ युद्ध को तीदन साल पूरे होने पर यूएन में एक प्रस्ताव पेश किया था। इस प्रस्ताव में रूसी हमले की निंदा करने और यूक्रेन से तत्काल रूसी सेना को वापस बुलाने की मांग की गई थी। अमरीका ने अपनी पुरानी नीतियों के उलट साथी यूरोपीय देशों के खिलाफ जाकर इस प्रस्ताव के विपक्ष में मतदान किया। जबसे रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध की शुरुआत हुई, तब से पहली बार अमरीका और इजरायल ने यूक्रेन के खिलाफ वोट किया है, जबकि भारत और चीन समेत 65 देशों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया। प्रस्ताव का समर्थन करने वालों में जर्मनी, ब्रिटेन और फ्रांस जैसे प्रमुख यूरोपीय देश शामिल हैं। यह प्रस्ताव 18 के मुकाबले 93 मतों से पारित हो गया।