
पंजाब मंडी बोर्ड के चेयरमैन हरचंद सिंह बरसट ने कहा कि पंजाब के माननीय मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की अगुवाई में राज्य की मंडियों में किए गए पुख्ता प्रबंधों के चलते गेहूं के खरीद कार्य सुचारू ढंग से चल रहे हैं। किसानों को फसल का भुगतान भी समय पर किया जा रहा है, लेकिन केंद्र सरकार अपनी जिम्मेदारियों को सही ढंग से नहीं निभा रही है। मंडियों में से खरीदी गई गेहूं की लिफ्टिंग करवाना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है, लेकिन केंद्र सरकार और एफसीआई की ओर से मंडियों से गेहूं की लिफ्टिंग करवाने में लापरवाही बरती जा रही है। उन्होंने बताया कि अब तक मंडियों में 124.05 लाख मीट्रिक टन गेहूं की आमद हो चुकी है और 123.35 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हो चुकी है। इसमें से 79.36 लाख मीट्रिक टन गेहूं की लिफ्टिंग हो चुकी है और 43.99 लाख मीट्रिक टन गेहूं की लिफ्टिंग होनी बाकी है। उन्होंने बताया कि 5 मई को प्रदेश की मंडियों में 1.10 लाख मीट्रिक टन गेहूं की आमद हुई। जबकि 1.19 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई। किसानों को अब तक 25821.71 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है।
चेयरमैन ने कहा कि प्रदेश में मौसम खराब हो रहा है और लिफ्टिंग कम होने के कारण मंडियों में गेहूं के ढेर लगे हुए हैं। केंद्र सरकार की बुरी कार्यगुजारी के चलते मंडियों में गेहूं भीग रहा है। हालांकि पंजाब सरकार की ओर से मंडियों में पुख्ता प्रबंध किए गए हैं, परंतु यदि मौसम खराब होने के चलते खरीदा गया गेहूं भीग जाता हैए तो उसकी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होगी। केंद्र सरकार के रवैये को पंजाब के लोगों की ओर से भेदभाव के तौर पर देखा जा रहा है। बरसट ने कहा कि केंद्र सरकार को मंडियों से खरीदे गए गेहूं की लिफ्टिंग करवाने के लिए पुख्ता प्रबंध करने चाहिए। उन्होंने कहा कि लोगों तक सही किस्म का अनाज पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार और एफसीआई अपनी जिम्मेदारी को समझें और जल्द से जल्द स्पेशल ट्रेंने लगाकर गेहूं की लिफ्टिंग करवाए और जहां-जहां अनाज पहुंचाना है, वहां तक पहुंचाएं।