
दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। दिल्ली सीएम रेखा गुप्ता ने विधानसभा में कैग रिपोर्ट रखी। कैग रिपोर्ट ने छह साल के दौरान दिल्ली की सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में गंभीर कुप्रबंधन, वित्तीय लापरवाही और जवाबदेही की कमी को उजागर किया है। सीएजी रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली के 14 अस्पतालों में आईसीयू नहीं है, जबकि 12 अस्पतालों में एंबुलेंस उपलब्ध नहीं है और कम से कम 21 मोहल्ला क्लीनिकों में शौचालय की कोई व्यवस्था नहीं है। नर्स और डाक्टर्स की संख्या पर्याप्त नहीं है। महिलाओं के स्वास्थ्य प्रोग्राम में फंडिंग की कमी है। अस्पतालों में स्टाफ की कमी है।
बड़े ऑपरेशन के लिए मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ता है। रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 से निपटने के लिए केंद्र सरकार से मिले 787.91 करोड़ रुपए में से सिर्फ 582.84 करोड़ रुपए ही खर्च किए गए, जबकि बाकी राशि बिना उपयोग के रह गई। इसके चलते कोरोना संकट के दौरान जरूरी सुविधाओं की भारी कमी रही।