
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल और भाजपा विधायकों के प्रतिनिधि मंडल के साथ पॉवर कॉरपोरेशन के मुख्य अभियंता रहबदिवंगत विमल नेगी के पैतृक निवास कटगांव पहुंचकर उनके परिजनों से मिलकर अपनी संवेदनाएं व्यक्त की। इस दौरान सभी ने स्वर्गीय विमल नेगी की माताजी, पत्नी भाई और बच्चों से मिले और उन्हें ढांढस बंधवाया। भाजपा के प्रतिनिधि मंडल ने परिवार के साथ खड़े रहने और हर संभव सहयोग का भरोसा दिया। नेगी के परिजनों ने भाजपा के प्रतिनिधि मंडल से इस मामले की सीबीआई से जांच करवाने की मांग की। परिजनों को उनकी मृत्यु के पीछे गहरी साजिश का अंदेशा है। इसलिए एवं मामले की निष्पक्ष एवं उच्च स्तरीय जांच चाहते हैं।
जयराम ठाकुर ने कहा कि विमल नेगी की मृत्यु के मामले में उनके परिजन, उनकी माता, उनकी पत्नी, उनके सहकर्मी, जूनियर अधिकारी और कर्मचारी सब चाहते हैं कि मामले की जांच सीबीआई करे। भारतीय जनता पार्टी पहले से ही परिजनों की मांग पर इस मामले की जांच सीबीआई से करवाने के लिए विधानसभा में भी कह चुकी है और सरकार से भी। प्रदेश भर के लोग सोशल मीडिया के माध्यम से इस मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग कर रहे हैं। विमल नेगी के मौत की जांच सीबीआई करें यह मुख्यमंत्री और उनके मंत्रियों के अलावा सब सब चाह रहे हैं।
ऐसे में सवाल उठता है की मुख्यमंत्री क्यों नहीं चाहते इस मामले की जांच सीबीआई करे? आखिर वह क्या बचाना चाहते हैं और प्रदेश के लोगों से क्या छुपाना चाहते हैं। इस मामले से पर्दा हटकर रहेगा अगर सरकार सीबीआई जांच की सिफारिश नहीं करती है तो इसके लिए परिवार के साथ भारतीय जनता पार्टी अन्य विकल्प भी तलाशेगी। हम देवभूमि में इस तरीके की अराजकता को बर्दाश्त नहीं करेंगे। इस प्रतिनिधिमंडल में उनके साथ प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल, विधायक बलवीर वर्मा, विधायक डीएस ठाकुर, शिमला जिलाध्यक्ष केशव चौहान, सूरत नेगी, अजय श्याम, कौल नेगी समेत अन्य पदाधिकारी शामिल थे।
जयराम ठाकुर ने कहा कि इस मामले पर पहले मुख्यमंत्री बोलने से ही मना कर दिए और जब बोला तो उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी बात का बतंगड़ बना रही है। एक ईमानदार सीधे और सरल अधिकारी की जान चली गई। और मुख्यमंत्री के लिए यह बात सिर्फ बात का बतंगड़ लग रही है। उनका यह वक्तव्य संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है। इसी के साथ ही सरकार का अपना रवैया भी जाहिर हो जाता है कि वह इस मामले की सच्चाई बाहर आने नहीं देना चाहती।