
हरियाणा-पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर शनिवार को किसानों की महापंचायत का आयोजन किया गया। इसमें संयुक्त किसान मोर्चा के बड़े नेता पहुंचे और किसान आंदोलन को लेकर मंथन किया गया। इस बैठक में किसान नेता राकेश टिकैत, जोगेंद्र सिंह उगराहा, हरियाणा के किसान नेता जोगिंदर नैन सहित कई किसान नेता शामिल हुए। इस महापंचायत में आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल भी शामिल हुए। उन्हें स्ट्रेचर पर मंच पर लाया गया। वह 40 दिनों से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं। उन्होंने स्ट्रेचर से ही किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि अब तक सात लाख किसान आत्महत्या कर चुके हैं। हम किसानों के नेता हैं, लेकिन किसी ने इन किसानों की मौत या आगे और आत्महत्याएं रोकने के लिए कुछ नहीं किया। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि डल्लेवाल की जान बहुत महत्त्वपूर्ण है।
उस दिन मैंने भी कहा था कि डल्लेवाल की जान तो महत्त्वपूर्ण है, लेकिन उन सात लाख किसानों के बच्चों का क्या होगा जो अब हमारे बीच नहीं हैं? किसान नेता डल्लेवाल ने राम राम कहकर संबोधन शुरू किया। उन्होंने कहा कि जो मैं लड़ाई लड़ रहा हूं, यह लड़ाई मैं नहीं लड़ रहा। यह सिर्फ एक शरीर दिख रहा है लड़ाई लड़ते। यह ऊपर वाले की मर्जी है। जिसे भगवान चाहता है, उसे ही मनुष्य का शरीर देता है। उसी की मर्जी से हो रहा है, जो हो रहा है। पुलिस ने मुझे यहां से उठाने का प्रयास किया। जब लोगों को पता चला तो पंजाब-हरियाणा से सैकड़ों नौजवान हमारे पास पहुंचे और मोर्चा संभाला। आज जो लोग मोर्चे पर पहुंचे हैं, यह सिर्फ ऊपर वाले की कृपा है। सरकार जितना मर्जी जोर लगा ले, हम मोर्चा जीत कर ही रहेंगे।किसानों की सुसाइड की घटनाओं पर अंकुश लगना जरूरी है। सरकारी आंकड़े बताते हैं कि करीब चार लाख किसानों ने आत्महत्या की है, लेकिन असल आंकड़ों में अब तक 7 लाख से ज्यादा किसान दम तोड़ चुके हैं।