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महाकुंभ-2025 सर्च करने में पड़ोसी मुल्क टॉप पर

नई दिल्ली

महाकुंभ अब सिर्फ भारतीय आयोजन नहीं रहा, यह एक वैश्विक पर्व बन गया है। जहां दुनियाभर से विदेशी श्रद्धालु संत-महात्माओं के शिविर में प्रवास कर रहे हैं। वहीं यूरोपीय, अमरीकी और अफ्रीकी देशों से अधिक पाकिस्तान समेत तमाम इस्लामिक देश के लोगों में दिलचस्पी बढ़ रही है। खासकर भारत के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में तो महाकुंभ के प्रति रुचि चरम पर है। गूगल ट्रेंड्स के अनुसार, मुस्लिम देशों में पाकिस्तान में सबसे अधिक महाकुंभ सर्च किया जा रहा है। महाकुंभ में आने वाली भीड़ भारत के परस्पर विरोधी देश में कौतूहल का विषय बन गई है।

पाकिस्तान के बाद कतर, यूएई और बहरीन जैसे देशों ने महाकुंभ में गहरी रुचि दिखाई है। इसके अलावा, नेपाल, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, आयरलैंड, ब्रिटेन, थाईलैंड और अमरीका जैसे देशों के लोग भी महाकुंभ के बारे में पढ़ और खोज रहे हैं। महाकुंभ में पहली बार पूर्वोत्तर के राज्यों की कई परंपराएं देखने को मिल रही हैं। इसी कड़ी में मकर संक्रांति पर पूर्वोत्तर के संतों के शिविर प्राग ज्योतिषपुर में विशेष आयोजन हुआ। सुबह चावल से बने व्यंजनों का वितरण हुआ, तो महिलाओं ने बिहू नृत्य प्रस्तुत कर असमिया संस्कृति का रंग बिखेर दिया।

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मौनी अमावस्या पर 10 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद

29 जनवरी को मौनी अमावस्या के अवसर पर महाकुंभ में आठ से 10 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। इसे लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाने के निर्देश दिए हैं। शासन स्तर पर आयोजित समीक्षा बैठक में उन्होंने बीते प्रमुख स्नान पर्वों की स्थिति का आकलन किया। मुख्यमंत्री ने बताया कि पौष पूर्णिमा और मकर संक्रांति के स्नान पर्वों पर छह करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी में स्नान किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए रेलवे के साथ समन्वय बनाकर महाकुंभ स्पेशल ट्रेनों का समयबद्ध संचालन सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने नियमित और विशेष ट्रेनों की संख्या बढ़ाने पर भी जोर दिया।

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