
डेराबस्सी हल्के की तीन प्रमुख अनाज मंडियां धनौनी, अमलाला और समगौली जो आज के आधुनिक युग में भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। इन मंडियों में शेड तक की व्यवस्था नहीं है। इसके कारण बारिश में किसान अपनी मेहनत की फसल को खुले आसमान के नीचे भीगता देखने को मजबूर हैं। सोमवार रात हुई बारिश में धनौनी मंडी में खुले में रखी गेहूं की बोरियां भीगती रहीं, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। किसानों का कहना है कि खेतों में संभाल कर उगाई गई फसल को जब वे बेचने के लिए मंडी लाते हैं, तो वहां भी प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए कोई इंतज़ाम नहीं होता। पंजाब सरकार द्वारा किसानों को हर सुविधा देने के दावे किए जाते हैं, लेकिन ज़मीनी हकीकत यह है कि डेराबस्सी की तीनों मंडियों में शेड तक नहीं हैं। यहां तक कि तिरपाल जैसी मूलभूत सुविधाएं भी प्रशासन मुहैया नहीं कराता।
किसानों ने बताया कि मौसम बिगडऩे की आशंका को देखते हुए वे समय से पहले ही फसल की कटाई कर उसे मंडी तक पहुंचा देते हैं। लेकिन शेड न होने की वजह से अगर फसल खेतों में बारिश से बच भी जाएए तो मंडी में भीग जाती है। अमलाला मंडी की हालत इतनी खराब है कि वहां सिर्फ एक पक्की फर्श है, चारदीवारी तक नहीं है। समगौली मंडी में भी हालात कुछ अलग नहीं हैं। पिछले सीजऩ में भी किसानों की फसलें बारिश में भीग गई थींए और इस बार भी वहीं, दोहराया गया। किसानों ने सरकार पर नाराजग़ी जताते हुए कहा कि पिछली सरकारों की तरह ये सरकार भी सिर्फ झूठे वादों की सरकार निकली। उन्होंने मांग की कि मंडियों में शीघ्र शेड बनाए जाएं और अन्य मूलभूत सुविधाएं दी जाएं, ताकि उनकी फसलें सुरक्षित रह सकें।
सीएम भगवंत मान ने किए पुख्ता प्रबंध
पंजाब मंडी बोर्ड के चेयरमैन हरचंद सिंह बरसट ने कहा कि पंजाब के माननीय मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में राज्य की मंडियों में गेहूं की खरीद के कार्यों को सुचारू ढंग से चलाने के लिए पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। मंडियों में सफाई, पीने योग्य पानी, शौचालय, छाया, बैठने आदि की पूरी व्यवस्था की गई है, ताकि किसानों, आढ़तियों, मजदूरों को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न कर पड़े। मंडी बोर्ड की ओर से गेहूं की खरीद के लिए कुल 1865 पक्की मंडियों की घोषणा की गई है, जिनमें 152 मुख्य यार्ड, 285 सब यार्ड और 1428 खरीद केंद्र शामिल हैं।