
नई दिल्ली
दिल्ली विधानसभा के दूसरे दिन मंगलवार को सदन में शराब नीति पर भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) की रिपोर्ट पेश की गई। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने रिपोर्ट सदन में रखी, जिसमें कहा गया है कि नई शराब नीति से दिल्ली सरकार को 2002 करोड़ रुपए का घाटा हुआ। पॉलिसी कमजोर थी और लाइसेंस प्रक्रिया में गड़बड़ी हुई। एक्सपर्ट पैनल ने पॉलिसी में कुछ बदलाव के सुझाव दिए थे, जिन्हें तत्कालीन उपमुख्यमंत्री और आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया ने नजरअंदाज किया था। कैग के अनुसार इससे 941.53 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ। गैर अनुरूप नगरपालिका वार्ड में शराब की दुकानें खोलने के लिए समय पर अनुमति नहीं ली गई। लाइसेंस शुल्क के रूप में लगभग 890.15 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। लाइसेंसधारियों को अनियमित अनुदान छूट के कारण 144 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ। नई शराब नीति में पहले के एक व्यक्ति को एक लाइसेंस मिलता था, लेकिन नई नीति में एक शख्स दो दर्जन से ज्यादा लाइसेंस ले सकता था। पहले दिल्ली में 60 फीसदी शराब की बिक्री चार सरकारी कारपोरेशन से होती थी, लेकिन नई शराब नीति में कोई भी निजी कंपनी रिटेल लाइसेंस ले सकती थी। शराब बिक्री का कमीशन पांच फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी किया गया।
कैग रिपोर्ट में बताया गया है कि थोक का लाइसेंस शराब वितरक और शराब निर्माता कंपनियों को भी दे दिया गया, जो कि उल्लंघन था। कैग की रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि शराब लाइसेंस देने में राजनीतिक दखल और भाई-भतीजावाद हुआ। उधर, विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कैग रिपोर्ट को आगे की कार्रवाई के लिए पब्लिक अकाउंट्स कमेटी (पीएसी) के पास भेजने की बात कही है। माना जा रहा है कि इसके बाद अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के लिए नई मुश्किलों का आगाज हो सकता है, जो पहले भी इस मामले में जेल जा चुके हैं। विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि इस रिपोर्ट पर अभी विधानसभा में और भी चर्चा होनी है। इसके बाद इसे आगे की कार्रवाई के लिए पीएसी के पास भेजा जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, गुप्ता जल्द ही इस पर 12 सदस्यीय पीएसी का गठन कर सकते हैं, जिसमें भाजपा और आप के सदस्यों को शामिल किया जाएगा। पीएसी की जांच के बाद रिपोर्ट स्पीकर को सौंपी जाएगी और इसके बाद वह इस पर आगे ऐक्शन का आदेश दे सकते हैं। जानकारों का कहना है कि सीएजी रिपोर्ट पीएसी के पास जाने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आबकारी मंत्री रहे मनीष सिसोदिया के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं। उन्हें एक बार फिर इस मामले में सवाल-जवाब का सामना करना पड़ सकता है।
आप के 21 विधायक तीन दिनों के लिए सस्पेंड
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा के पहले सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को उपराज्यपाल के अभिभाषण को डिस्टर्ब करने के आरोप में आम आदमी पार्टी के सभी मौजूद 21 विधायकों को तीन दिनों के लिए यानी 28 फरवरी तक के लिए सस्पेंड कर दिया गया। अब पार्टी के ये विधायक सोमवार तक सदन की कार्यवाही में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। आप के सिर्फ एक विधायक अमानतुल्लाह खान सस्पेंड नहीं हुए, क्योंकि वह सदन में मौजूद ही नहीं थे। इस बीच विधानसभा सत्र की अवधि को दो दिनों तक के लिए बढ़ा दिया गया है। अब यह सत्र पहली मार्च तक चलेगा।