महिलाओं को मां बनने के लिए पुरुष के सहारे की जरूरत नहीं:
गर्भाशय तकनीक में गर्भाधान
आमतौर पर बच्चे को जन्म देने के लिए एक पुरुष और एक महिला को संपर्क में आने की जरूरत होती है। लेकिन विज्ञान कहता है कि अब महिलाओं को गर्भधारण करने के लिए पुरुषों के साथ की जरूरत नहीं है। आसान भाषा में कहें तो कोई भी महिला बिना किसी पुरुष के संपर्क में आए आसानी से अपने बच्चे की मां बन सकती है।
विज्ञान में इस प्रगति के परिणामस्वरूप, हम इन दिनों एकल माताओं और समलैंगिक जोड़ों के बच्चों के बारे में बहुत सारी खबरें सुनते हैं। मेडिकल साइंस में 5 ऐसी प्रचलित विधियां हैं जिनके जरिए कोई महिला किसी पुरुष के संपर्क में आए बिना बच्चे को जन्म दे सकती है। डॉक्टरों का कहना है कि इन तरीकों को अपनाने से पैदा होने वाले बच्चे पूरी तरह से स्वस्थ होते हैं।
डॉक्टरों का कहना है कि कुछ मामलों में महिला बच्चा पैदा करने के लिए काफी स्वस्थ होती है लेकिन उसके अंडों का निषेचन एक समस्या है। ऐसे में आईवीएफ यानी इन विट्रो फर्टिलाइजेशन ट्रीटमेंट प्रमुख भूमिका निभाता है। आईवीएफ देश भर के कई बांझपन क्लीनिकों में उपलब्ध है।
इस तकनीक में महिला को अंडे के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए दवा दी जाती है। फिर अंडों को हटा दिया जाता है। फिर इसे ऐसी स्थिति में रखा जाता है जहां इसे महिला की पसंद के शुक्राणु के साथ मिलाया जाता है। निषेचन के बाद जब भ्रूण बन जाता है तो कैथेटर का उपयोग करके गर्भाशय को खोला जाता है और भ्रूण को डाला जाता है।