हरियाणा

आखिर क्यों है हरियाणा का ये विधायक प्रथम सर्वश्रेष्ठ विधायक, जिन्हे मीडिया वेलबीइंग एसोसिएशन ने किया पुरस्कृत

अम्बाला। वर्ष 2022-23 हरियाणा के प्रथम सर्वश्रेष्ठ विधायक असीम गोयल के सम्मान में मीडिया वेलबीइंग एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष तरुण कपूर और वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनिल दत्ता के नेतृत्व में अंबाला जिला बॉडी द्वारा एक कार्यक्रम में उन्हें सम्मानित किया गया। 14 वीं हरियाणा विधानसभा में प्रथम सर्वश्रेष्ठ विधायक के रूप में असीम गोयल के चयन को संगठन के लोगों ने अंबाला के लिए एक गौरव की बात मानी है। दरअसल हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र में असीम गोयल को प्रथम सर्वश्रेष्ठ विधायक का खिताब दिया गया था। सदन में जनहित के मुद्दे उठाने, अधिक उपस्थिति व अच्छी परफॉर्मेंस होने तथा असंसदीय भाषा का प्रयोग न करने समेत कई बातों को ध्यान में रखते हुए वह प्रदेश के सभी 90 विधायकों में से अव्वल पाए थे। असीम गोयल का चयन हरियाणा विधानसभा की संसदीय कार्यवाही में सक्रिय- उपयोगी तथा रचनात्मक सहभागिता के लिए उत्कृष्ट योगदान के सम्मान स्वरूप किया गया था, जिससे जिले के पत्रकार साथियों में भी खुशी थी। पत्रकारों से काफी फ्रेंडली स्वभाव के असीम गोयल पत्रकारों के कल्याण हेतु भी कई बार विधानसभा में आवाज उठाते देखे गए हैं।

संघप्रमुख मोहन भागवत भी गोयल को आदर्श युवा विधायक के रूप में कर चुके है पुरस्कृत

बचपन से ही काफी होनहार रहे असीम गोयल 1989 में जनसंघ के प्रति पूरी तरह से समर्पित हो चुके थे। भारतीय जनता पार्टी में मंडल के महामंत्री से संगठन में शुरुआत करने वाले गोयल की मेहनत और निष्ठा को देखते हुए इन्हें 1 हफ्ते बाद ही मंडल अध्यक्ष और उसके एक हफ्ते बाद ही जिला अध्यक्ष की जिम्मेदारी संगठन द्वारा सौंप दी गई थी। प्रदेश उपाध्यक्ष- प्रदेश कोषाध्यक्ष और प्रदेश राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य के रूप में लगातार भाजपा को मजबूत करने वाले असीम गोयल 2014 में अपने पहले विधानसभा चुनाव में ही जीत दर्ज कर विधायक बने। विधायक बन लगातार तमाम माध्यमों से जनता की सेवा में अग्रसर रहे। असीम गोयल को 2015 में संघ प्रमुख मोहन भागवत द्वारा पुणे में आदर्श युवा विधायक पुरस्कार से नवाजा गया। जनता के दिलों में अपने गहरी जगह बना चुके असीम गोयल को 2019 विधानसभा चुनाव में फिर से जनता ने अपनाया और विधायक बना विधानसभा भेजा।

 

देवेंद्र फडणवीस-अनुराग ठाकुर-धर्मेंद्र प्रधान-पुष्कर धामी के साथ काम कर चुके हैं गोयल

राष्ट्रीय संगठन की बात हो या केंद्र के वरिष्ठ मंत्रियों की असीम गोयल की कार्यशैली लगातार सबकी नजर में है। देवेंद्र फडणवीस- अमित ठाकुर- अनुराग ठाकुर- धर्मेंद्र प्रधान- पुष्कर सिंह धामी जैसे वरिष्ठ भाजपा नेताओं के साथ राष्ट्रीय कार्यकारिणी में कार्य करने का गौरव का चुके असीम गोयल की उपस्थिति बेहद मजबूत नेताओं में सदा होती रही है। देश में सबसे बड़े और शानदार पन्ना प्रमुख सम्मेलन के आयोजन से दिल्ली में बैठे भाजपा के वरिष्ठ नेता भी उनके कार्यों की सराहना से नहीं रह पाए हैं। खुद वरिष्ठ नेताओं के अनुसार इस प्रकार का पन्ना प्रमुख सम्मेलन ना कभी हुआ था ना कभी होगा। कोरोना काल के दौरान अंबाला के किंगफिशर में सबसे बड़ा कैंप, देश का पहला ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बैंक तथा दिन-रात देसी काड़े के स्टॉल चलाकर वह लगातार जनता को सच्चे समाजसेवी की भूमिका दिखते रहे हैं। वहीं दूसरे जनप्रतिनिधियों के लिए भी एक मॉडल के रूप में असीम गोयल नजर आए हैं। पंजाब बॉर्डर के जिला अंबाला में बड़ी आबादी प्रवासियों की होने के कारण कोरोनाकाल इस जिले के लिए बुरा दौर था। लेकिन गोयल द्वारा प्रवासियों के रहने, खाने-पीने तथा उन्हें घर तक पहुंचाने के इंतेजामत अपने खर्चे पर किए गए।

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गोयल ने अम्बाला में विश्व का पहला ”बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ” चौक बनाया

विश्व का पहला ”बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ” चौक अंबाला में बनाया जाना गोयल की सोच का नतीजा है। मिनी सेक्रेटेरिएट, गर्ल्स कॉलेज, अस्पताल, सभी नहरों के पुल, सड़के, सीएचसी, पीएचसी जैसे अनगिनत कार्य गोयल की मेहनत के कारण हो पाए हैं। इनकी जनता के प्रति अच्छी सोच पर खुद मुख्यमंत्री भी कई बार मोहर लगा चुके हैं। जिस कारण ही लगभग 1500 करोड रुपए के विकास कार्य अंबाला शहर में हो पाने संभव हुए हैं। संगठन में उनकी सक्रियता और उत्तम कार्यशैली के कारण ही देश के हर कोने में होने वाले चुनावों को लेकर उनकी जिम्मेदारियां लगाई जाती हैं। हाल में भी वह हरियाणा से एकमात्र विधायक है जिन्हें राजस्थान चुनाव के लिए भेजा गया है। उन्हें 5 जिलों बीकानेर, चूरू, हनुमानगढ़, लक्ष्मणगढ़ इत्यादि की 24 सीटों के लिए चुनाव प्रभारी जैसा महत्वपूर्ण कार्यभार सौंपा गया है।

 

 

अमरनाथ श्राइन बोर्ड यात्रा के लिए संघर्ष में चोटिल होकर 6 माह बेड पर रहे थे गोयल

दरअसल न केवल विधायक असीम गोयल बल्कि इनका पूरा परिवार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रति पूरी तरह से समर्पित रहा है। उनके ताया (पिता के बड़े भाई) सोहनलाल 1982 में भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं। तब अंबाला की ही सुषमा स्वराज जन संघ के अध्यक्ष थी। उनके चाचा प्रभु दयाल भाजपा मंडल अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभा चुके हैं। 1996-97 के दौर में राजनीति में पहले कदम रखने वाले असीम गोयल हरियाणा के गिने चुने ऐसे नेताओं में शामिल हैं जो राष्ट्रीय युवा मोर्चा की टीम के सदस्य रह चुके हैं। जिम्मेदारियों के प्रति पूरी तरह से निष्ठावान रहने वाले गोयल जम्मू कश्मीर चंडीगढ़ के प्रभारी भी रह चुके हैं। अमरनाथ श्राइन बोर्ड यात्रा संबंधित पार्टी द्वारा किए गए विरोध में इनकी अगुवाई इस कदर थी कि इन्हें टारगेट करके पानी की बौछारें इनकी रीड की हड्डी को चोटिल कर गई। जिस कारण 6 माह तक लकवा ग्रस्त स्थिति में बेहद संकटग्रस्त जीवन का दौर इन्होंने बिताया। इस दौरान परिवार ने दादा- मामा की मृत्यु का दुख भी झेला। सभी व्यापार ठप हो गए। लेकिन मजबूत इच्छा शक्ति वाले असीम गोयल फिर से खड़े होकर राजनीति में सक्रिय हुए और आज स्थिति यह है कि वह प्रदेश के प्रथम सर्वश्रेष्ठ विधायक हैं। दो चुनाव लड़कर दोनों बार विधायक बनना जनता में उनकी पकड़ को दर्शाने के लिए काफी है।

 

“मेरा आसमान” एनजीओ के माध्यम से सैकड़ो गरीब बेटियों की शादी करवा चुके गोयल

केवल राजनीति में ही नहीं सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर रुचि रखने वाले असीम गोयल मेरा आसमान एनजीओ भी चलाते हैं। जिसके तहत वह सैकड़ो गरीब बेटियों की शादी करवा चुके हैं। कोरोना काल के दौरान उनकी उपस्थिति सदा जनता में और जनता के समर्पित रही। अपने पैतृक गांव नन्योला के रामलीला क्लब में दशहरा मेले का आयोजन इनके द्वारा करवाया गया। युवा जागरण मंच बनाकर श्मशान घाट के जीणोद्धार का बीड़ा उठाकर लगातार जनता की सेवा का माध्यम बनते रहे। गरीबों की मदद में हमेशा अग्रिम पंक्ति में खड़े असीम गोयल नजर आए। महिलाओं की वैक्सीनेशन के लिए इनके द्वारा लगाए गए पिंक कैंप प्रदेशभर में चर्चा का विषय बने।

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बुजुर्ग पत्रकारों के बलिदान को समझने वाली पहली संस्था है एमडब्ल्यूबी

मीडिया वेलबीइंग एसोसिएशन ऐसी पहली संस्था है जिसने समाज को अपना महत्वपूर्ण लंबा जीवनकाल देने वाले वरिष्ठ पत्रकारों के बलिदान को समझा। इसलिए एसोसिएशन ने एक नई परंपरा शुरू की, जिसमें एसोसिएशन हर अपने कार्यक्रम में 60 वर्ष से अधिक उम्र के चार पत्रकारों को मुख्य अतिथि के हाथों सम्मानित करवाती है। जोकि संगठन अब तक प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल, गृहमंत्री अनिल विज, शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर और विधानसभा अध्यक्ष के हाथों अलग-अलग कार्यक्रमों में सम्मानित करवा चुकी है। जिसमें संगठन अपनी तरफ से कुछ नगद राशि सम्मान स्वरूप इन वरिष्ठ पत्रकारों को देती है।

 

निशुल्क बीमा करवाने वाली पहली संस्था है एमडब्ल्यूबी

एसोसिएशन समय-समय पर मृत्यु दुर्घटना बीमा और टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी के लाभ पत्रकारों को देती रही है। प्रदेशभर में हजारों की संख्या इस संगठन के सदस्यों की है। लेकिन अब तक सभी संस्थाएं बीमा पॉलिसी के नाम पर कुछ ना कुछ शुल्क पत्रकारों से अवश्य लेती थी। लेकिन एमडब्ल्यूबी पहली ऐसी संस्था है जो किसी भी पत्रकार से किसी भी तरह के इंश्योरेंस की एवज में कोई शुल्क प्राप्त नहीं करती है।

 

पत्रकारों की आर्थिक सहायता करने में भी संस्था रहती है अग्रिम

संस्था द्वारा पानीपत के एक युवा पत्रकार देवेंद्र शर्मा की मृत्यु उपरांत उनके परिजनों की आर्थिक मदद भी दी गई। इससे पहले भी संस्था यमुनानगर -अंबाला तथा अन्य कई पत्रकारों के अस्पताल में उपचाराधीन दौरान आर्थिक मदद करने में अग्रणीय रही है।

 

एसोसिएशन की मांग पर हरियाणा सरकार ले चुकी है कई सराहनीय फैसले

लगातार पत्रकारों के कल्याण को आगे बढ़ रही मीडिया वेलबिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष चंद्रशेखर धरनी द्वारा कुछ समय पहले ही 16 मार्च 2023 को प्रदेश के मुख्यमंत्री से उनके निवास संत कबीर कुटीर पर पत्रकारों को दी जाने वाली मासिक पेंशन में बढ़ोतरी की मांग की गयी थी। जिस पर तुरंत संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री द्वारा पेंशन राशि को प्रतिमाह 10 हजार से बढाकर 11 हजार रुपए कर दी गई।

एसोसिएशन की मांग अनुसार यह पेंशन राशि आगे भी ऑटोमेशन मोड पर डीए में वार्षिक वृद्धि के अनुपात में बढ़ती रहेगी। संस्था द्वारा पत्रकारों के कल्याण को लेकर और भी कई डिमांड प्रदेश सरकार से की गई हैं। जिस पर भी मुख्यमंत्री ने सहमति भरा आश्वासन देते हुए उद्धार हिर्दय से स्वीकार किया था। पेंशन पात्रता की उम्र 60 वर्ष के नियम में बदलाव कर इसे 58 साल निर्धारित करने, पत्रकारों के लिए सस्ते दामों पर आवासीय सुविधा उपलब्ध करवाने, लोकतंत्र के चौथे स्तंभ मीडिया को भी टोल फ्री जैसी तमाम सुविधाएं देने को लेकर एसोसिएशन लगातार मांग कर रही है।

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