किसान आंदोलन
किसान आंदोलन 2.0 का बुधवार को दूसरा दिन है. किसान हरियाणा की अलग-अलग सीमाओं पर डटे हुए हैं. किसानों ने शंभू बॉर्डर, खनुरी बॉर्डर और अंबाला के अन्य इलाकों में रात बिताई. किसानों ने यहीं बॉर्डर पर रात का खाना बनाया और फिर ट्रॉलियों पर ही रात बिताई.
किसान बुधवार को फिर दिल्ली की ओर कूच करेंगे. दिन निकलते ही किसानों ने ऐलान कर दिया है कि वे हर हाल में दिल्ली की ओर कूच करेंगे. इस बीच शंभू बॉर्डर पर किसानों ने अपनी सुरक्षा के लिए बैरिकेड्स भी लगा दिए हैं.
किसानों ने आज दिल्ली पलायन को लेकर नई रणनीति बनाई है. किसान नेताओं ने कहा है कि वे हर हाल में दिल्ली जाएंगे और उनका इरादा किसी तरह के टकराव का नहीं है. दिन निकलने पर भी किसानों ने बैरिकेड पार करने की कोशिश की. इस बीच पुलिस की ओर से आंसू गैस के गोले छोड़े गए.
कल दोनों बॉर्डर पर किसानों को पानी की बौछारों और रबर की गोलियों का सामना करना पड़ा और खानुरी बॉर्डर पर हरियाणा पुलिस के साथ झड़प भी हुई. इन झड़पों में लगभग सौ लोग घायल हो गए, जिनमें 60 किसान और 24 पुलिसकर्मी शामिल थे।
शंभू बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल और सरवन सिंह पंढेर ने किसानों का नेतृत्व किया. अफरा-तफरी के बीच किसान बैरिकेडिंग की दो लेयर हटाने में सफल रहे. अधिकांश किसानों ने खेतों के कुओं को बंद कर दिया था। गुस्साए किसानों ने घग्गर नदी पुल की रेलिंग उखाड़कर फेंक दी। ट्रैक्टरों से कंटीले तार भी खींचे गए।