‘यह लोकतंत्र की हत्या, हम हैरान हैं’, क्या चंडीगढ़ में फिर होंगे मेयर चुनाव? जानें SC ने क्या-क्या कहा
चंडीगढ़ में हाल में हुए मेयर चुनाव को लेकर BJP और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच सियासी घमासान मचा हुआ। AAP ने मेयर चुनाव में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जहां सोमवार को मामले की सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि ‘यह लोकतंत्र की है’। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मेयर चुनाव के सभी रिकॉर्ड्स सुरक्षित रखने का आदेश दिया है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा, यह लोकतंत्र का मजाक है. यह लोकतंत्र की हत्या है. हम हैरान हैं।
Chandigarh mayoral polls: Supreme Court slams Returning Officer who held the Chandigarh Mayor elections and says it is obvious that Returning Officer has defaced the ballot papers.
Supreme Court says, "Is this the way he conducts the elections? This is a mockery of democracy.…
— ANI (@ANI) February 5, 2024
चंडीगढ़ मेयर चुनाव पर SC ने क्या की टिप्पणी?
सर्वोच्च न्यायालय ने सुनवाई के दौरान कहा कि यह साफ है कि चुनाव अधिकारी ने बैलेट पेपर्स में गड़बड़ी की है. कोर्ट ने सवाल किया कि क्या इस तरह से चुनाव कराए जाते हैं? यह लोकतंत्र का मजाक है। यह लोकतंत्र की हत्या है। हम हैरान हैं. इस शख्स को सजा मिलनी चाहिए। क्या चुनाव अधिकारी का ऐसा बर्ताव हो सकता है?
उच्चतम न्यायालय ने कथित तौर पर मतपत्रों को खराब करने वाला वीडियो भी देखा और कहा कि चुनाव अधिकारी के व्यवहार से वह हैरान है। कोर्ट ने कहा कि चुनाव अधिकारी स्पष्ट रूप से मतपत्रों को विकृत कर रहे थे। शीर्ष अदालत ने चंडीगढ़ के अधिकारियों को नोटिस जारी किया और मतपत्रों और कार्यवाही के वीडियो को सुरक्षित रखने का आदेश दिया।
चंडीगढ़ मेयर चुनाव में BJP की जीत
भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव में जीत हासिल की थी और सभी तीन पदों पर अपना कब्जा बरकरार रखा था। इस चुनाव को कांग्रेस-AAP गठबंधन के लिए झटका तौर पर देखा गया था। पीड़ित पक्ष ने पीठासीन अधिकारी पर मतपत्रों के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाया. बीते बुधवार को हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति सुधीर सिंह और न्यायमूर्ति हर्ष बांगड़ की खंडपीठ ने आम आदमी पार्टी (AAP) को अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था। ‘आप’ ने आरोप लगाया था कि मतपत्रों के साथ छेड़छाड़ की गई थी। पार्टी ने एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की देखरेख में नए सिरे से चुनाव कराने की मांग की थी।
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