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चंडीगढ़।
चंडीगढ़ लोकसभा चुनावों में चुनाव आयोग नये तरीकों से वोटिंग कराने को लेकर काम कर रहा है। चुनाव आयोग ऐसे बूथ स्थापित करने जा रहा है जहां केवल महिलाएं ही बूथ संभालेंगी। हालांकि ऐसे बूथों की संख्या कम रहेगी लेकिन इसका मकसद ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को चुनाव के लिये प्रोत्साहित करना है। कुछ बूथ ऐसे होंगे जिन्हें संभालने का जिम्मा दिव्यांगों का रहेगा। जानकारी के अनुसार महिलाओं और दिव्यांगों को समर्पित ये बूथ इसलिये स्थापित किये जा रहे हैं ताकि महिलाएं निर्भीक होकर वोट कर सकें। चुनाव आयोग के आंकड़ों मुताबिक महिलाओं की वोटिंग बीते लोकसभा चुनावों में पुरुषों के मुकाबले कम रही है।
महिला वोटरों को वोट के प्रति बढ़ावा देने की दृष्टि से ये कदम उठाये जा रहे हैं। दूसरी तरफ दिव्यांग वोटरों को प्रेरित करने के अलावा यह दिखाना है कि दिव्यांग भी चुनाव के पर्व में पीछे नहीं हैं और जिम्मेदारी संभालने में किसी से कम नहीं है। दिव्यांग वोटरों को मोटीवेट करने की दृष्टि से भी ऐसा किया गया है। वहीं इस मर्तबा चुनाव में पार्टी व प्रत्याशियों की जीत-हार का फैसला युवा वोटर करेंगे। 24 फीसदी युवा शक्ति चुनाव में पहली बार वोट डालने उतरेगी। इनकी उम्र सीमा भी 18 साल से 19 साल के बीच है।
चंडीगढ़ चुनाव विभाग ने आगामी 1 जून को चंडीगढ़ में सातवें चरण में होने जा रहे लोकसभा चुनावों के लिये 10 ऐसे मतदान केंद्र स्थापित किये हैं जिनका प्रबंधन चुनावों में पूरी तरह से दिव्यांगों के हाथ होगा।