रांची
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को झारखंड में बड़ी घोषणा की है कि अगर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) झारखंड में सत्ता में आई, तो राज्य में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू की जाएगी, लेकिन जनजातीय समुदायों को इसके दायरे से बाहर रखा जाएगा। शाह ने झारखंड में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा का घोषणापत्र यानी ‘संकल्प पत्र’ जारी करते हुए घोषणा की कि राज्य में उद्योगों और खदानों के कारण विस्थापित हुए लोगों का पुनर्वास सुनिश्चित करने के लिए विस्थापन आयोग का गठन किया जाएगा। शाह ने रांची में कहा कि हमारी सरकार झारखंड में समान नागरिक संहिता लागू करेगी, लेकिन जनजातीय समुदायों को इसके दायरे से बाहर रखा जाएगा।
(राज्य में) झामुमो (झारखंड मुक्ति मोर्चा) सरकार इस झूठ का प्रचार कर रही है कि समान नागरिक संहिता से आदिवासियों के अधिकार और संस्कृति प्रभावित होगी। यह पूरी तरह निराधार है, क्योंकि उन्हें इसके दायरे से बाहर रखा जाएगा। शाह ने कहा कि यदि भाजपा झारखंड में सत्ता में आती है, तो वह ‘सरना धर्म कोड’ के मुद्दे पर विचार-विमर्श करेगी और उचित निर्णय लेगी। झारखंड में उद्योगों और खदानों के कारण विस्थापित हुए लोगों के पुनर्वास को सुनिश्चित करने के लिए विस्थापन आयोग का गठन किया जाएगा। उन्होंने झामुमो नीत सरकार पर घुसपैठियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया और दावा किया कि राज्य में जनजातीय आबादी घट रही है और जनसांख्यिकी तेजी से बदल रही है। उन्होंने कहा कि हिंदुओं पर हमले हो रहे हैं और तुष्टीकरण अपने चरम पर है। गौर हो कि राज्य में 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव 13 और 20 नवंबर को दो चरणो में होंगे और मतों की गिनती 23 नवंबर को होगी।