नकली सोने पर बैंक से असली गोल्ड लोन, कैनरा बैंक के ज्वैलर्स की धोखाधड़ी
मुरादाबाद में नकली सोना गिरवीं रखकर बैंक से करोड़ों रुपए का लोन निकाल लिया गया। मामला कैनरा बैंक से जुड़ा है। बैंक ने इस मामले में अपने पैनालिस्ट ज्वैलर्स और उसकी पत्नी समेत 5 आरोपियों के खिलाफ मझोला थाने में FIR दर्ज कराई है।
करीब 20 दिन पहले ठीक ऐसा ही मामला कैनरा बैंक की सिविल लाइंस शाखा में भी पकड़ा जा चुका है। तब भी बैंक की ओर से सिविल लाइंस थाने में इसी पैनालिस्ट ज्वैलर्स रोहित शर्मा के खिलाफ धोखाधड़ी समेत विभिन्न धाराओं में FIR दर्ज कराई गई थी। ताजा मामला कैनरा बैंक की शाहपुर तिगरी शाखा से जुड़ा है।
गोल्ड लोन मंजूर करने से पहले बैंक अपने पैनल में शामिल ज्वैलर्स रोहित शर्मा से उसकी शुद्धता की जांच कराता था। पकड़ में आया है कि रोहित ने नकली सोने को भी 22 कैरेट गोल्ड बताकर बैंक को धोखा दिया। इसकी एवज में वो लोगों से पैसे लेता था। उसने अपनी पत्नी और बहन के नाम से भी एकाउंट खोलकर नकली सोना गिरवीं रखकर कैनरा बैंक से लोन निकाल लिया।
बैंक मैनेजर डॉ. तनु ने दर्ज कराई FIR
कैनरा बैंक की शाहपुर तिगरी शाखा की प्रबंधक डॉ. तुन गोयल ने मझोला थाने में कैनरा बैंक के अनुमोदित स्वर्ण मूल्यांकनकर्ता रोहित शर्मा पुत्र पंकज शर्मा निवासी उदय नगर बिलारी, रोहित की पत्नी शिल्पी शर्मा, दिनेश कुमार शर्मा निवासी छाबड़ा संभल, सिमरन शर्मा निवासी उदय नगर बिलारी और अंकित कुमार निवासी सिद्धार्थ नगर रुस्तम नगर सहसपुर के खिलाफ धोखाधड़ी और साजिश रचने की धाराओं में एफआईआर हुई है।
कमीशन लेकर नकली सोने को बताता था असली
बैंक मैनेजर ने अपनी FIR में कहा है कि बैंक के स्वर्ण लोन खाताधारक दिनेश कुमार शर्मा, शिल्पी शर्मा, सिमरन शर्मा और अंकित कुमार द्वारा बैंक में बंधक रखा गया सोना और स्वर्ण आभूषण क्रास वैरिफिकेशन में फर्जी पाए गए हैं। जबकि इन सभी का गोल्ड लोन मंजूर करने से पूर्व बैंक ने अपने अनुमोदित स्वर्ण मूल्यांकनकर्ता रोहित शर्मा से इन सभी के गोल्ड की शुद्धता की जांच कराई थी। रोहित शर्मा ने स्वर्ण और आभुषणों को शुद्धता की कसौटी पर खरा बताया था, इसके बाद ही बैंक ने सभी को लोन दिया था।
बैंक मैनेजर ने FIR में कहा है कि, बैंक ने इन सभी स्वर्ण ऋण खाता धारकों के बैंक एकाउंट चेक किए तो पता चला कि गोल्ड लोन मंजूर होने के बाद इन सभी खातों से कुछ रकम बैंक के स्वर्ण मूल्यांकनकर्ता रोहित शर्मा के एकाउंट में ट्रांसफर की गई थी। रोहित के साथ ही उसकी पत्नी शिल्पी के बचत खाते में भी कुछ रकम ट्रांसफर की गई। इस तथ्य से बैंक इस नतीजे पर पहुंचा है कि उसका अनुमोदित स्वर्ण मूल्यांकनकर्ता लोगों से कमीशन लेकर उनके नकली सोने को असली होने का सर्टिफिकेट बैंक को देता था।
क्रास जांच में धोखाधड़ी खुल गई
गोल्ड लोन देने वाले सभी बैंक लोन मंजूर करने से पहले बैंक द्वारा अनुमोदित स्वर्ण मूल्यांकनकर्ता से सोने की शुद्धता की जांच कराकर उसकी रिपोर्ट लेते हैं। इसी के आधार पर लोन मंजूर किया जाता है। इसके साथ ही बैंक समय-समय गोल्ड की शुद्धता के क्रास वेरिफिकेशन के लिए अपने पैनल पर शामिल किसी दूसरे स्वर्ण मूल्यांकनकर्ता से क्रास जांच भी कराते हैं। करीब 20 दिन पहले कैनरा बैंक की सिविल लाइंस ब्रांच में जब इसी तरह का रूटीन वेरिफिकेशन किसी दूसरे स्वर्ण मूल्यांकनकर्ता ने किया तो मामला पकड़ में आया।
कैनरा बैंक की सिविल लाइंस ब्रांच में गोल्ड लोन के जितने भी केस में पैनालिस्ट रोहित शर्मा ने सोने की शुद्धता की जांच कर ओके सर्टिफिकेट दिया था, वो सारा सोना क्रास वेरिफिकेशन में नकली निकला। इस घटना के बाद से कैनरा बैंक प्रबंधन में हड़कंप मच गया। आनन-फानन रोहित के खिलाफ मामला दर्ज कराकर बैंक ने पूरे जिले की सभी शाखाओं में जमा गोल्ड को क्रास वेरिफाई कराने के आदेश दिए। इसी क्रम में शाहपुर तिगरी शाखा में जमा 4 खाताधारकों को गोल्ड भी नकली निकला है।
पत्नी और भाई-बहन के नाम से भी निकाला लोन
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी रोहित शर्मा ने नकली सोने की एवज में लोन लेने के लिए अपनी पत्नी, बहन-बहनोई और दूसरे रिश्तेदारों के नाम से भी बैंक खाते खुलवाए थे। बाद में नकली सोना जमा करके लोन निकाला। अभी तक नकली सोना देकर वो करीब एक करोड़ रुपए का लोन निकाल चुका है।
हैरानी की बात ये है कि इस पूरे खेल की भनक बैंक अफसरों को नहीं लगी। रोहित शर्मा ने अपनी पत्नी शिल्पी के नाम से गोल्ड लोन लिया और बैंक ने इस केस में भी रोहित से ही स्वर्ण की शुद्धता की जांच करा ली। इस तरह के एक नहीं कई मामले हैं जब वो अपनी नजदीकी रिश्तेदारों के गोल्ड लोन खातों में खुद ही मूल्यांकनकर्ता बना। ऐसे में बैंक अधिकारियों पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।