लाइसेंसी शराब से मौत का उदय
पंजाब में जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या अब 20 हो गई है. पुलिस ने अब तक 2 एफआईआर दर्ज की हैं और एक महिला समेत 8 लोगों को गिरफ्तार किया है. मामले की जांच के लिए एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर आईपीएस गुरिंदर ढिल्लों की अध्यक्षता में चार सदस्यीय एसआईटी का गठन किया गया है.
इसमें डीआइजी पटियाला रेंज आइपीएस हरचरण भुल्लर, एसएसपी संगरूर आइपीएस सरताज सिंह चहल और अतिरिक्त आयुक्त (आबकारी) नरेश दुबे जांच की निगरानी करेंगे।
संगरूर के सिविल सर्जन डॉ. कृपाल सिंह ने बताया कि बुधवार से अब तक हमारे पास 40 मरीज आ चुके हैं. 40 में से 20 मरीजों की मौत हो चुकी है. बाकी 20 में से 11 को पटियाला के राजिंदरा अस्पताल रेफर किया गया है। 6 को संगरूर सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है. तीन मरीज बिना डॉक्टर की सलाह के चले गए।
शनिवार को पंजाब के मंत्री अमन अरोड़ा ने पीड़ित परिवारों से बातचीत की. उन्होंने कहा कि अगर सरकारी ठेके से शराब खरीदने के बाद किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो इसके लिए सरकार जिम्मेदार है. अगर कोई व्यक्ति किसी दूसरे से सस्ती शराब खरीदता है तो सरकार कैसे जिम्मेदार हो सकती है?
वहीं, पुलिस द्वारा शवों का पोस्टमॉर्टम कराया जा रहा है। इस दौरान मृतक का विसरा लिया जाएगा. जिसके बाद इन सभी की मौत के असली कारणों का पता चल सकेगा.
कुल 8 लोगों को गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने मामले की एफआईआर चीमा थाने में दर्ज की. मुख्य आरोपी गुरलाल सिंह और उसके तीन साथी पहले से ही संगरूर पुलिस की हिरासत में हैं, 4 अन्य लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.