MP के ग्वालियर जिले में फर्जी हथियार खरीदने का मामला
MP के ग्वालियर जिले में लालू प्रसाद यादव नाम के व्यक्ति से जुड़े एक केस की सुनवाई ग्वालियर के एमपी-एमएलए कोर्ट में हो रही है। आरोप है कि उप्र की फर्म के संचालक राजकुमार शर्मा ने ग्वालियर की तीन आर्म्स फर्म से फर्जीवाड़ा कर 1995 से 1997 के बीच हथियार और कारतूस खरीदे और उन्हें बिहार ले जाकर बेच दिया। बिहार में जिन लोगों को हथियार बेचे उनमें लालू प्रसाद यादव भी शामिल हैं।
इस मामले में पुलिस ने अप्रैल 1998 में लालू प्रसाद यादव को फरार घोषित किया। चूंकि, पुलिस का ये मानना है कि ये वही लालू प्रसाद यादव हैं, जो बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व देश के पूर्व रेलमंत्री रह चुके हैं। केवल इसी कारण से मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए कोर्ट में हो रही है।
भास्कर ने न्यायालय के रिकॉर्ड से जो दस्तावेज प्राप्त किए, उससे प्रथमदृष्टया ये साबित हो रहा है कि ये वह लालू प्रसाद यादव नहीं है, जो बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री रहे हैं। दोनों के पिता के नाम में अंतर है।
इतने हथियार और कारतूस की खरीद की गई
315 बोर की 16 रायफल
12 बोर डबल बैरल वाली 20 रायफल
एनपी बोर रायफल के 20140 कारतूस
12 बोर बंदूक के 7450 कारतूस
32 बोर रिवाल्वर के 1500 कारतूस
25 बोर पिस्टल के 250 कारतूस
यह है आरोपियों की स्थिति
आरोपियों के नाम: सुनील शुक्ला, कमलकांत, विष्णु, रविकांत, अनिल कुमार, सुनील कुमार
इनकी मौत हो गई: बृजमोहन, सुरेंद्र
ये अभी तक हैं फरार : लालू प्रसाद यादव, शशीकांत, मुरारीलाल शर्मा, जेपी यादव, मूसा मिया, मोहन सोनी, उपेंद्र, रंजीत
कुमार, कन्हैयालाल, कृष्णनंद, श्रवण कुमार शर्मा, जनार्दन शर्मा, बादल, सुजीत।
नोट: आरोपियों के नाम की जानकारी न्यायालय के रिकॉर्ड से प्राप्त की गई है।
केवल फरारी पंचनामे में लिखा है पिता का नाम
इस केस के एक आरोपी के एडवोकेट भारत भूषण शर्मा ने बताया- पुलिस ने इस मामले में जुलाई 1998 में आरोप पत्र दाखिल किया था। अप्रैल 1998 में पुलिस ने लालू प्रसाद यादव पुत्र कुंद्रिका सिंह का फरारी पंचनामा तैयार किया। जबकि बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव के पिता का नाम कुंदन राय है।
पुलिस ने न्यायालय में जो चालान और फरार आरोपियों की सूची प्रस्तुत की, उसमें केवल लालू प्रसाद यादव का नाम लिखा। पिता का नाम नहीं लिखा गया, वहीं शेष आरोपियों के पिता के नाम के साथ शहर तक का उल्लेख किया गया।
23 अगस्त 1995 से 15 मई 1997 के बीच किया गया फर्जीवाड़ा
ग्वालियर निवासी प्रवेश कुमार चतुर्वेदी (फर्म का नाम- प्रकाश आर्म स्टोर) ने पुलिस थाना इंदरगंज में रिपोर्ट दर्ज कराई। इसमें बताया कि राजकुमार शर्मा (फर्म – शर्मा आर्म स्टोर, महोबा, उप्र) ने फर्म का फर्जी 16 नंबर फार्म बनाकर हथियार व कारतूस खरीदे और बिहार में जाकर बेच दिए।
ये फर्जीवाड़ा 23 अगस्त 1995 से लेकर 15 मई 1997 के बीच किया गया। कुल तीन फर्म से हथियार और कारतूस की खरीद की गई। इस मामले में कुल आरोपियों की संख्या 22 है। इसमें से 6 के खिलाफ ट्रायल चल रही है। दो की मौत हो चुकी है, जबकि 14 फरार चल रहे हैं।