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ओडिशा ट्रेन हादसा : बालासोर के लिए रवाना हुए प्रधानमंत्री मोदी, ट्रेन हादसे में घायल लोगों से करेंगे मुलाकात

ओडिशा (Odisha) के बालासोर में शुक्रवार की शाम भीषण ट्रेन हादसे (Train Accident) में 288 लोगों के मारे जाने की खबर अब तक आई है। इसके अलावा 900 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे है। इस घटना के बाद एनडीआरएफ, एसडीआरएफ से लेकर सुरक्षाबलों के कई जवानों को भी राहत-बचाव कार्यों में लगा दिया गया है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, शनिवार सुबह भी घटनास्थल से शवों को निकालने का काम जारी रहा। इस हादसे को लेकर ओडिशा सरकार ने एक दिन के राजकीय शोक का एलान किया है, वहीं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अपनी सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं।

 

 

 

बता दें, प्रधानमंत्री मोदी ने ओडिशा भीषण ट्रेन हादसे पर हाईलेवल मीटिंग की। बैठक में दुर्घटना की समीक्षा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओडिशा के बालासोर में दुर्घटनास्थल पर जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) मौके पर जाकर हालात का जाएंगे। इसके बाद प्रधानमंत्री पीड़ितों से भी मुलाकात करेंगे।

 

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कैसे हुई ट्रेन दुर्घटना, जानें?

शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस चेन्नई की ओर जा रही थी। यह ट्रेन ट्रैक से उतरकर दूसरे ट्रैक पर खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई और यात्री ट्रेन का इंजन मालगाड़ी के ऊपर चढ़ गया। कोरोमंडल ट्रेन के कई डिब्बे पटरियों पर ही पलट गए।

 

बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस ट्रेन बगल वाले ट्रैक से हावड़ा की ओर जा रही थी। इसी दौरान उसकी टक्कर ट्रैक पर पलटे कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन के डिब्बों से हो गई। इस टकराव के बाद कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन के डिब्बे भी पटरी से उतर गए।

 

बताया जाता है कि यह हादसा बालासोर जिले के बहंगा बाजार स्टेशन पर हुआ, जो कि कोलकाता से दक्षिण में 250 किलोमीटर और भुवनेश्वर से उत्तर में 170 किलोमीटर पर स्थित है।

 

अधिकारियों के मुताबिक, कोरोमंडल ट्रेन के डिब्बे शाम करीब 6.55 बजे पटरी से उतर गए, वहीं दूसरी ओर से आ रही बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन के डिब्बे 7 बजे पटरी से उतर गए। यानी यह घटना महज पांच मिनट के अंतराल में हुई।

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कौन है हादसे का जिम्मेदार?

हालांकि, ये ट्रेन हादसा कैसे हुआ, इसका कौन जिम्मेदार है इसका पता तो जांच के बाद ही चल पाएगा। लेकिन इन बोगियों की हालत को देखकर ये अंदाजा लग रहा है कि उस समय का मंजर कितना भयानक रहा होगा। कुछ ही सेंकड में ये स्पष्ट हो गया कि ट्रेनों की भिड़ंत में कई लोगों का सफर अधूरा रह गया तो कई ने सब कुछ खो दिया।

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