
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बदलते वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य में भागीदारी और सहयोग के महत्त्व पर बल देते हुए वैश्विक समुदाय से उन्नत प्रणालियों के सह-विकास और सह-उत्पादन में भारत के साथ जुडऩे का आह्वान किया है। श्री सिंह मंगलवार को यहां 15वें एयरो इंडिया के हिस्से के रूप में आयोजित रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम में 81 देशों के 162 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिनमें 15 रक्षा मंत्री, 11 उपरक्षा मंत्री, 15 स्थायी सचिव और 17 सेवा प्रमुख शामिल थे। रक्षा मंत्री ने कहा कि संघर्षों की बढ़ती संख्या, नई शक्ति के खेल, नए हथियार और सरकार से इतर तत्वों की बढ़ती भूमिका और विघटनकारी प्रौद्योगिकियों के उछ्वव ने विश्व व्यवस्था को और अधिक नाजुक बना दिया है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि कमजोर रहकर कोई देश कभी भी शांति नहीं ला सकता, केवल मजबूत होकर ही हम बेहतर दुनिया के लिए काम कर सकते हैं। भारत ने लंबे समय से शांति, सुरक्षा और विकास के दृष्टिकोण का समर्थन किया है, जो सहयोगात्मक है। रक्षा मंत्री ने आगे कहा कि संघर्षों की बढ़ती संख्या ने हमारी दुनिया को और अधिक अप्रत्याशित बना दिया है। रक्षा मंत्री ने कहा कि इसके अलावा, साइबरस्पेस और आउटर स्पेस के आयाम संप्रभुता की स्थापित परिभाषा को चुनौती दे रहे हैं। रक्षा मंत्री ने कहा कि ये साइबरस्पेस और बाह्य अंतरिक्ष संप्रभुता की स्थापित परिभाषा को चुनौती दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि एआई, क्वांटम टेक्नोलॉजी, हाइपरसोनिक और निर्देशित ऊर्जा जैसी विध्वंसकारी प्रौद्योगिकियां युद्ध के चरित्र को बदल रही हैं और नई कमजोरियां पैदा कर रही हैं।