नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को यूपी सरकार को सडक़ चौड़ी करने के लिए घर को गिराए जाने के मामले में कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने इस कार्रवाई को अत्याचारी और कानून के अधिकार के बिना लिया गया एक्शन करार दिया। भारत के प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की अगवाई वाली बेंच ने यूपी सरकार से उन लोगों को 25 लाख रुपए का मुआवजा देने का भी निर्देश दिया, जिसका घर इस कार्रवाई के दौरान गिरा दिया गया था। सुनवाई के दौरान जस्टिस पारदीवाला ने कहा कि आप बुलडोजर लेकर रातों-रात घर नहीं तोड़ सकते।
आप परिवार को घर खाली करने का समय नहीं देते। घर के सामान का क्या? उचित प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए। बेंच ने राज्य के मुख्य सचिव को अवैध तोडफ़ोड़ के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक जांच करने का निर्देश दिया। शीर्ष अदालत मनोज टिबरेवाल आकाश द्वारा भेजी गई एक शिकायत के आधार पर 2020 में दर्ज एक स्वप्रेरणा मामले की सुनवाई कर रही थी, जिसका घर 2019 में राज्य के अधिकारियों द्वारा घर को ध्वस्त कर दिया गया था।