चंडीगढ़-मोहाली एयरपोर्ट के शार्टेस्ट रूट का काम अधर में: लोकसभा चुनावों की आहट से प्रोजेक्ट पर ब्रेक

चंडीगढ़
चंडीगढ़-मोहाली के एयरपोर्ट के लिये शार्टेस्ट रूट का काम अधर में लटका है। जमीन अधिग्रहण की नेगोशियेशन पालिसी को लेकर यूटी प्रशासन ने टाइम दे रखा था जिसकी मियाद बुधवार को समाप्त हो गई। एस्टेट अफसर सौरभ अरोड़ा के मुताबिक नेगोशियेशन में कोई जमीन मालिक सामने नहीं आया लिहाजा अब कंपलसरी जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। उन्होंने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय की मंजूरी के लिये फाइल पहले ही जा चुकी है। यूटी प्रशासन की ओर से अन्य प्रक्रियाएं जारी हैं।
जानकारी के अनुसार लोकसभा चुनावों की आहट से इस काम में और ज्यादा देरी के आसार हैं। चंडीगढ़ प्रशासन ने जनवरी माह में प्रोजेक्ट से संबंधित फाइल केंद्रीय गृह मंत्रालय को अप्रूवल के लिये भेजी है। चूंकि यह प्रोजेक्ट 100 करोड़ से ऊपर है लिहाजा इसमें केंद्रीय गृह मंत्रालय की मंजूरी लेना जरूरी है। चूंकि लोकसभा इलेक्शन अप्रैल या मई में कभी भी हो सकते हैं लिहाजा इसे सेंटर की क्लीयरेंस मिलने में देरी हो सकती है।
लोकसभा इंजेक्शन से पहले चुनाव आचार संहिता लागू हो जाएगी। इस वजह से किसी भी नये प्रोजेक्ट को मंजूरी मिलना संभव नहीं है। चुनावों के बाद ही इस पर मंजूरी संभव है। यूटी के चीफ इंजीनियर सीबी ओझा के मुताबिक गृह मंत्रालय से प्रोजेक्ट को मंजूरी मिलने के बाद जमीन अधिग्रहण के काम व अन्य औपचारिकताओं में सात से आठ महीने का समय आराम से लग जाएगा। इसके बाद ही सडक़ बनाने का काम शुरू हो पायेगा।