उतार चढ़ाव भरा रहा है साढे नौ साल का मनोहर कार्यकाल, केंद्र व पड़ोसी राज्यों ने हरियाणा की कई योजनाओं को अपनाया
चंडीगढ़। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल का करीब साढ़े नौ साल का कार्यकाल उतार-चढ़ाव वाला रहा है। मनोहर लाल के पहले व दूसरे कार्यकाल में कई ऐसे अवसर आए जब सरकार अस्थिर हुई। इसके बावजूद मनोहर सरकार ने नौ साल 135 दिन का कार्यकाल पूरा किया।
मनोहर लाल ने पहली बार 26 अक्टूबर 2014 को मुख्यमंत्री पद का कार्यभार संभाला। कार्यभार संभालने के कुछ दिन बाद सरकार को स्वयंभू संत रामपाल प्रकरण के रूप में बड़ी घटना का सामना करना पड़ा। इससे निपटने के बाद भाजपा के ही कुछ विधायकों ने सुधारकों की टीम बनाकर मुख्यमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। जिससे सरकार को अस्थिर करने के प्रयास हुए। सीएम के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले विधायक एक के बाद एक या तो राजनीतिक हाशिए पर आ गए या उन्होंने मनोहर लाल के नेतृत्व को स्वीकार कर लिया।
मनोहर लाल के कार्यकाल के दौरान दो बार जाट आरक्षण आंदोलन, डेरा सच्चा सौदा मुखी को सजा सुनाने के बाद पंचकूला समेत पूरे हरियाणा में हुए दंगे पूर्व सरकार के कार्यकाल में हुए बड़े घटनाक्रम माने जाएंगे। इन घटनाओं के कारण राष्ट्रीय ही नहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हरियाणा की छवि धूमिल हुई। मनोहर लाल के मुख्यमंत्री पद से हटने से कुछ माह पहले हुई नूंह हिंसा की घटना आज भी सत्ता के गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है। पिछले करीब साढे नौ साल में 2700 बार हरियाणा में इंटरनेट सेवाओं को बाधित किया गया।