पंचकूला में बाढ़ फिर ना मचा दे तबाही, नदियों, नालों में तैरना व नहाने पर लगा प्रतिबंध
पंचकूला (आदित्य शर्मा)। बाढ़ से दो साल पहले पंचकूला में हुई भारी तबाही का मंजर याद कर हर किसी का दिल दहल जाता है। बाढ़ से जहां सैकड़ों पुल ढह गए थे वहीं सडक़ों के धंसने, घरों में पानी दाखिल होने और मोरनी क्षेत्र में भू-स्खलन जैसी दुर्घटनाओं में जानी नुकसान तक हुआ था। पंचकूला में बाढ़ फिर तबाही न मचा दे इसके मद्देनजर प्रशासन ने कमर कस ली है। डीसी यश गर्ग ने तमाम विभागों को सतर्क रह कर मानसून पर नजर रखने के साथ साथ जिले में बाढ़ से निपटने के निर्देश दिए हैं। उपायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे पिछली बार जहां बाढ़ की स्थिति पैदा हुई थी और कहां ज्यादा नुकसान हुआ था, उसे चिन्हित कर रिपोर्ट करें ताकि वे स्वयं उन जगहों का निरीक्षण कर सके।
मानसून से पहले बनाए बाढ़ रिलीफ कैंप
राजस्व अधिकारियों को स्कूल, कॉलेज, आईटीआई, कम्यूनिटी सेंटर, एप्पल मार्केट का निरीक्षण कर इन जगहों पर मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए ताकि बाढ़ की स्थिति पैदा होने पर इन जगहों को बाढ़ रिलीफ कैंप में परिवर्तित किया जा सके। उपायुक्त ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को 30 जून तक बाढ़ नियंत्रण से संबंधित कार्य को पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने संबंधित विभागों को नदियों, नालों तथा अन्य स्थानों पर तैरना व नहाना मना है के बोर्ड लगवाने के निर्देश दिए और पुलिस विभाग को इन जगहों पर धारा 144 लगाने व किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए नालों और नहर के आसपास के क्षेत्रों में सतर्कता बढ़ाने के लिए कहा गया।