बिगड़ैल राजकुमार बना डेनमार्क का नया राजा,जिसके लिए मां ने छोड़ दी राजगद्दी

डेनमार्क की रानी मार्गरेट द्वितीय देश के 900 साल के इतिहास में पहली ऐसी शासक होंगी जब वह रविवार को अपने बेटे और युवराज फ्रेडरिक के लिए राजगद्दी छोड़ देंगी. मार्गरेट ने अपने 52 साल के शासन में हमेशा से कहा है कि वह गद्दी नहीं छोड़ेंगी लेकिन सर्जरी और अन्य बीमारियों की वजह से वह शाही जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभा पा रही थीं. प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिकसेन ने क्रिश्चियनबोर्ग पैलेस की बालकनी पर फ्रेडरिक को डेनमार्क का नया राजा घोषित किया है.
उन्होंने नए साल के संबोधन में पद छोड़ने की अपनी योजना की घोषणा करते हुए कहा, ‘समय बहुत बलवान होता है.’ लोकतांत्रिक राजशाही स्थापित होने से पहले वास्तविक शक्ति रखने वाले शासक के राजगद्दी या उपाधि छोड़ने के बजाय बीमारी या हिंसा की वजह से जान जाने तक गद्दी पर आसीन रहने की संभावना होती थी।
रानी मार्ग्रेथ ने 50 से अधिक वर्षों के बाद अपने पदत्याग के दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए और उसी समय डेनमार्क को एक नया राजा मिला. इसके साथ ही देश को नई रानी और एक नया उत्तराधिकारी भी मिला. क्राउन प्रिंस क्रिश्चियन किंग फ्रेडरिक और क्वीन मैरी की सबसे बड़ी संतान हैं. अभी उनकी उम्र केवल 18 साल है और अभी भी स्कूल में है; लेकिन अब वह सार्वजनिक जीवन में अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते नजर आएंगे.
फ्रेडरिक अपने शाही दायित्वों को पूरा करने के दौरान उसकी उपेक्षा करने के लिए अपने माता-पिता से नाराज थे. वह तेज कारों और तेज जीवनशैली में आराम तलाशते थे. इसके साथ ही 1990 के दशक की शुरुआत में उन्हें पार्टी का एक बिगड़ैल राजकुमार माना जाता था. लेकिन 1995 में आरहस विश्वविद्यालय से स्नातक होने के बाद यह दृष्टिकोण बदलना शुरू हुआ, वह विश्वविद्यालय की शिक्षा पूरी करने वाले पहले डेनिश शाही व्यक्ति थे. फ्रेडरिक ने एक बार जोर देकर कहा था कि वह सिंहासन लेने के बाद भी उसी पर कायम रहेंगे. उन्होने कहा था कि ‘मैं खुद को किसी किले में बंद नहीं करना चाहता. मैं खुद एक इंसान बनना चाहता हूं.’ 2000 ओलंपिक खेलों के दौरान उनकी मुलाकात सिडनी बार में अपनी ऑस्ट्रेलियाई वकील पत्नी मैरी डोनाल्डसन से हुई.