
मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने सोमवार को अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल) के चेयरमैन गौतम अडानी और प्रबंध निदेशक राजेश अडानी को गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) द्वारा दायर एक मामले में बरी कर दिया, जिसमें कथित तौर पर 388 करोड़ रुपए के बाजार विनिमय का उल्लंघन किया गया था। अदालत ने कहा कि ”धोखाधड़ी या आपराधिक साजिश का कोई मामला नहीं बनता है।” गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) ने अडानी पर शेयर हेरफेर और वित्तीय कदाचार का आरोप लगाया था। यह मामला ट्रायम्फ सिक्योरिटी लिमिटेड की सरकारी जांच के हिस्से के रूप में शुरू हुआ, जिस पर बाजार हेरफेर का आरोप है।
न्यायमूर्ति राजेश एन लड्ढा की एकल पीठ ने सत्र न्यायालय के उस आदेश को खारिज कर दिया और अलग रखा, जिसमें अडानी और एईएल को मामले से बरी करने से इनकार कर दिया गया था। उच्च न्यायालय ने सत्र न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली अडानी और एईएल की अपील पर आज फैसला सुनाया। वर्ष 2019 में उच्च न्यायालय ने सत्र न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी थी, मामला लंबित रहने तक रोक जारी रही।