प्रसार भारती के पूर्व एडवायजर ज्ञानेंद्र बरतरिया का निधन
नई दिल्ली। प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया जगत में अपनी सेवाएं देने वाले देश के वरिष्ठ पत्रकार ज्ञानेंद्र बरतरिया (दिल्ली) ने आयु 57 साल शनिवार व रविवार की मध्य रात्रि नई दिल्ली के एस्कॉर्ट अस्पताल में अंतिम सांस ली। वे पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे । उनका अंतिम संस्कार आज 12 बजे निगम बोध घाट पर किया जाएगा। उनके देहांत की खबर के बाद से ही देश भर के पत्रकार जगत भी शोक की लहर है।
ज्ञानेंद्र बरतरिया मूल रूप से ग्वालियर (मध्य प्रदेश) के ग्वालियर के रहने वाले थे
ज्ञानेंद्र बरतरिया मूल रूप से ग्वालियर (मध्य प्रदेश) के ग्वालियर के रहने वाले थे। कर्म भूमि दिल्ली होने के कारण पिछले लघु के दो देशों से परिवार सहित मयूर विहार दिल्ली में रह रहे थ! उनके निधन पर मीडिया वैलबीग संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर धरनी, महासचिव सुरेंद्र मेहता, कोषाध्यक्ष तरण कपूर ने भी गहरा दुख प्रकट किया। चंद्रशेखर धरनी ने शोक प्रकट करते हुए क बताया कि ज्ञानेंद्र बरतरीया के रूप में पत्रकार जगत के आसमान में एक ध्रुव तारा थे ! जो कि पत्रकार जगत का एक स्तंभ थे। उनका जाना जहां पत्रकार जगत के लिए बहुत ही बड़ा आघात है वही निजी रूप में भी उनके लिए है यह बहुत ही बड़ी भारी क्षति है। जिसकी कमी कभी भी पूरी नहीं की जा सकती। उन्होंने बताया कि उनके लिए बरतरिया उनके बड़े भाई के समान थे। जिन्होंने सदैव अपनी लेखनी और शब्दों के जरिए जहां पत्रकार जगत में नए-नए आयाम स्थापित किए वहीं उनकी लेखनी से देश और देशवासियों के लिए एक प्रेरणा स्रोत रही।
गृहमंत्री अनिल विज ने ज्ञानेंद्र के निधन पर दुख प्रकट किया
हरियाणा प्रदेश के गृहमंत्री अनिल विज ने भी ज्ञानेंद्र के निधन पर दुख प्रकट करते हुए कहा कि ज्ञानेंद्र पत्रकार होने के नाते नाते उनके निजी मित्र भी थे !पत्रकार जगत के साथ-साथ ज्ञानेंद्र का जाना उनके लिए एक पारिवारिक सदस्य के जाने जैसा है।
ज्ञानेंद्र पत्रकारिता का क्षेत्र मे इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में ए टू जेड चैनल के न्यूज़ हेड, MH1 न्यूज़ चैनल के न्यूज़ हेड, प्रसार भारती के सलाहकार व मौजूदा तौर पर पाचाजन्य के कार्यकारी संपादक के तौर पर भी कार्य कर रहे थे! इसके अलावा उन्होंने मध्य प्रदेश में दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर में भी मध्य प्रदेश के पत्रकार जगत में अपनी सेवाएं दी थी !यही नहीं देश के नामी राष्ट्रीय चैनल टीवी चैनल इंडिया टीवी भी वे कम कर चुके हैं। ज्ञानेंद्र की विचारधारा शुरू से ही आर एस एस ओत-प्रोत रही है। जिसके चलते पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत अरुण जेटली से भी उनके गहरी निजी रिश्ते थे! इसके अलावा आरएसएस और भाजपा के वरिष्ठ राष्ट्रीय नेताओं से भी उनके निजी और मधुर संबंध थे।
पुरानी यादें-मीडिया वेलबिंग एसोशिएशन ले कार्यक्रमों में ज्ञानेंद्र बरतरिया