MP के गुना जिले में अदालत में परिवाद दाखिल करने के बाद मिला न्याय
MP के गुना जिले में क्षेत्र के ग्राम डोबरा में फर्जी तरीके से जमीन खरीदने के मामले में दो लोगों को 7 साल की सजा सुनाई गई। अदालत में परिवाद दाखिल करने के बाद मिला न्याय जज कविता वर्मा ने दोनों पर कुल 23 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया। इस मामले में जमीन खरीदने वाले और रजिस्ट्री पर हस्ताक्षर करने वाले दो गवाहों के खिलाफ मामला चला था।
इसमें से एक गवाह की सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी। अदालत में दाखिल परिवाद के मुताबिक जमीन के असली मालिक परिवादी गजानंद किरार थे। उन्होंने 1984 में उक्त 2.090 हेक्टेयर जमीन खरीदी थी।
वे राजस्थान के कोटा शहर में सरकारी नौकरी करते थे। इसलिए डोबरा में उनका आना जाना कम था। इसी का फायदा उठाते हुए आरोपी प्रदीप पुत्र नाथूराम उर्फ नाथूलाल अग्रवाल ने उनकी जमीन हथियाने की साजिश रची। उन्होंने जमीन के असली मालिक की जगह धनजीराम नामक व्यक्ति को खड़ा करके जमीन की रजिस्ट्री अपने नाम करवा ली।
24 जुलाई 2012 को हुई रजिस्ट्री पर पूर्व सरपंच रामकिशन पुत्र गोपीलाल लोधी और शिवचरण लोधा ने बतौर गवाह हस्ताक्षर किए थे। सुनवाई के दौरान शिवचरण की मृत्यु हो गई थी।
अदालत में आरोपियों ने एक दूसरे को धोखेबाज बताया
जिस जमीन का घपला आरोपियों ने मिलकर किया, वही अदालत में एक दूसरे पर आरोप लगाने लगे। फर्जी रजिस्ट्री पर गवाह के रूप में हस्ताक्षर करने वाले आरोपी रामकिशन ने कहा कि आरोपी प्रदीप अग्रवाल ने उनके फोटोग्राफ का इस्तेमाल उनको बताए बिना ही कर लिया था।
वह उस समय सरपंच थे, इसलिए आरोपी उनका फोटो किसी सरकारी काम के नाम पर ले गया था। वहीं जमीन खरीदने वाले आरोपी प्रदीप ने कहा कि आरोपी रामकिशन और जमीन के असली मालिक ने मिलकर उन्हें फंसाने की साजिश रची है।
जमीन का विवाद कहकर दर्ज नहीं की एफआईआर
मामला सामने आने के बाद परिवादी ने पुलिस थाने में गुहार लगाई। लेकिन फतेहगढ़ पुलिस ने इसे जमीन का विवाद मानकर एफआईआर दर्ज करने से मना कर दिया। बाद में परिवादी ने तत्कालीन एसपी को भी शिकायत की। तब भी कोई सुनवाई नहीं हुई। इसलिए हारकर उन्होंने अदालत में परिवाद दाखिल किया।
अदालत के आदेश पर पुलिस ने की जांच : हैरानी की बात यह है कि जिस मामले को पुलिस ने पहले दर्ज करने योग्य तक नहीं समझा, उस पर उसे अदालत के आदेश पर एफआईआर करना पड़ी। फिर उसकी जांच भी उसी ने की और आरोपी एक गंभीर अपराध के दोषी भी पाए गए।