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MP में 10 साल में सबसे गर्म दिसंबर इंदौर भोपाल में सर्दी नहीं

MP में 10 साल में सबसे गर्म दिसंबर इंदौर भोपाल में सर्दी नहीं गुड मॉर्निंग डिजिटल। मध्यप्रदेश में दिसंबर महीना बीतने को है। मौसम से ठंड गायब है। यानी इस महीने सर्दी नहीं पड़ी। आने वाले सप्ताह में भी सर्दी पड़ने की संभावना नहीं है। ऐसा 10 साल बाद हो रहा है, जब दिसंबर महीना सबसे गर्म रहा है। इससे पहले 2013 में तापमान सबसे ज्यादा रहा था।

प्रदेश के चारों प्रमुख शहरों में रात का पारा सबसे ज्यादा रहा। भोपाल और इंदौर में यह सबसे ज्यादा रहा। यहां तक कि जबलपुर-ग्वालियर में भी लोगों को ठंड इस बार कंपकपा नहीं पाई। साइक्लोन मैंडूस के कारण सिर्फ दो दिन ही दिन में सर्दी का एहसास हुआ।

31 दिसंबर के बाद कड़ाके की ठंड

26 और 27 दिसंबर को हिमालय में बर्फबारी की संभावना थी, लेकिन अब वह भी नहीं है। ऐसे में अब दिसंबर के अंतिम सप्ताह में भी ठंड के जोर पकड़ने की संभावना नहीं है। मुश्किल से 2 से 3 डिग्री तक के तापमान गिर सकता है। ऐसे में ज्यादा ठंड की उम्मीद नहीं है। अब जनवरी के पहले सप्ताह में ज्यादा ठंड की संभावना है।

महीना बीतने को ठंड गायब

आमतौर पर राजधानी भोपाल में दिसंबर में सर्दी सताने लगती है, लेकिन इस बार महीना बीतने को है, लेकिन ठंड के तेवर अब तक सख्त नहीं हो पाए हैं। यह शुष्क महीना रहता है। औसतन अधिकतम तापमान 26.4 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान 11.3 डिग्री सेल्सियस रहता है।

सामान्य तौर पर बादल नहीं होने के कारण दिन अपेक्षाकृत हल्का गर्म किन्तु आरामदायक होते हैं। माह की औसत वर्षा 10.5 मिलीमीटर है।

दिसंबर महीने में आमतौर पर ऐसा रहता है मौसम

कभी-कभी ज्यादा मात्रा में बारिश भी हो जाती है। रोजाना प्रायः कोहरा छाया रहता है, जिससे दृश्यता कम होती है। इस महीने में घने कोहरे के दिनों की औसत संख्या 0.5 होती है।

पश्चिमी विक्षोभ अर्थात कम दबाव का क्षेत्र जो देश के उत्तरी प्रांतों में पश्चिम से पूर्व की ओर बढ़ते हैं। जिनसे उत्तरी भाग शीतकालीन वर्षा से प्रभावित होता है। आने वाली शुष्क ठंडी हवाएं देश के मध्यवर्ती एवं उत्तरीय भाग में शीतलहर की स्थिति पैदा करती है।

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कभी-कभी बंगाल की खाड़ी में बनने वाली चक्रवाती तूफान की वजह से उत्तर/उत्तर-पश्चिम से ठंडी हवाएं देश के मध्य भाग में आ जाती है। बहुत कम मौकों पर भोपाल शीतलहर से प्रभावित हुआ है। रिकॉर्ड के आधार पर भोपाल में उच्चतम अधिकतम तापमान 11 दिसंबर 1941 को 32.8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।

11 दिसंबर 1966 को निम्नतम न्यूनतम तापमान 3.1 डिग्री सेल्सियस। 1997 में अधिकतम कुल मासिक वर्षा 137.2 मिलीमीटर और 11 दिसंबर 1967 में 24 घंटों में 66.3 मिलीमीटर है।

10 साल में ग्वालियर का दिसंबर दूसरी बार सबसे गर्म

ग्वालियर में प्रदेश की सबसे ज्यादा ठंड होती है। इसका असर दिसंबर में ही दिखाई देने लगता है। कभी-कभी तो पारा 2 डिग्री तक से नीचे आ जाता है, लेकिन इस बार सर्दी कंपाने वाली नहीं हो सकी। आमतौर पर इस सीजन में औसतन अधिकतम तापमान 24.9 डिग्री सेल्सियस व औसतन न्यूनतम तापमान 7.9 डिग्री सेल्सियस रहता है।

माह की औसत वर्षा 5.3 मिलीमीटर होती है। रोजाना प्राय: कोहरा छाया रहता है, जिससे दृश्यता कम होती है। इस महीने में घने कोहरे के दिनों की औसत संख्या 1.2 होती है।

पश्चिमी विक्षोभ अर्थात कम दबाव का क्षेत्र जो देश के उत्तरी प्रांतों में पश्चिम से पूर्व की ओर बढ़ते हैं। जिनसे उत्तरी भाग शीतकालीन वर्षा से प्रभावित होता है। आने वाली शुष्क ठंडी हवाएं देश के मध्यवर्ती व उत्तरीय भाग में शीतलहर की स्थिति पैदा करती है।

कभी-कभी बंगाल की खाड़ी में बनने वाली चक्रवाती तूफान की वजह से उत्तर/उत्तर-पश्चिम से ठंडी हवाएं देश के मध्य भाग में आ जाती है। बहुत ही कम अवसरों पर ग्वालियर शीतलहर से प्रभावित हुआ है।

रिकॉर्ड के आधार पर ग्वालियर में उच्चतम अधिकतम तापमान 6 दिसंबर 2006 को 32.1 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। 26 दिसंबर 1961 को निम्नतम न्यूनतम तापमान -0.4 डिग्री सेल्सियस, सन 1997 में अधिकतम कुल मासिक वर्षा 106.6 मिलीमीटर और 31 दिसंबर 2013 में 24 घंटों में 32.1 मिलीमीटर है।

10 साल में पहली बार इंदौर में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से नीचे नहीं आया

इंदौर में दिसंबर के महीने से सर्दी महसूस होने लगती है। यह वर्ष का अधिकतम शुष्क महीना है। इस महीने में औसत अधिकतम तापमान 27.6 डिग्री सेल्सियस व औसत न्यूनतम तापमान 11.1 डिग्री सेल्सियस है। आकाश सामान्यतः बादल रहित होने से दिन अपेक्षाकृत हल्का गर्म किन्तु आरामदायक होते हैं।

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महीने की औसत वर्षा 4.4 मिलीमीटर है, लेकिन ऐसे भी कुछ अवसर आए हैं, जब काफी मात्रा में बारिश हुई है। प्रतिदिन प्रायः कोहरा छाया रहता है, जिससे दृश्यता कम होती है। इस महीने में घने कोहरे के दिनों की औसत संख्या 0.9 होती है।

कम दबाव का क्षेत्र जो देश के उत्तरी प्रांतों में पश्चिम से पूर्व की ओर बढ़ते हैं, जिनसे उत्तरी भाग शीत कालीन वर्षा से प्रभावित होता है। आने वाली शुष्क ठंडी हवाएं देश के मध्यवर्ती एवं उत्तरीय भाग में शीतलहर की स्थिति पैदा करती है।

कभी-कभी बंगाल की खाड़ी में बनने वाली चक्रवाती तूफान की वजह से उत्तर/उत्तर-पश्चिम से ठंडी हवाएं देश के मध्य भाग में आ जाती हैं। बहुत ही कम अवसरों पर इंदौर शीतलहर से प्रभावित हुआ है।

रिकॉर्ड के आधार पर इंदौर में उच्चतम अधिकतम तापमान 31 दिसंबर 2015 को 33.0 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। 27 दिसंबर 1936 को निम्नतम न्यूनतम तापमान 1.1 डिग्री सेल्सियस, सन् 1967 में अधिकतम कुल मासिक वर्षा 108.5 मिलीमीटर और 17 दिसंबर 2009 में 24 घंटों में 53 मिलीमीटर हुई थी।

2017 के बाद सबसे गर्म रहा जबलपुर

बीतों वर्षों की तुलना में इस बार जबलपुर में भी सर्दी का ज्यादा एहसास नहीं रहा। औसत अधिकतम तापमान 25.7 डिग्री सेल्सियस व औसत न्यूनतम तापमान 10.8 डिग्री सेल्सियस है।

आकाश सामान्यतः बादल रहित होने की वजह से दिन अपेक्षाकृत हल्का गर्मी रहती है। माह की औसत वर्षा 6.0 मिलीमीटर है। इस माह में घने कोहरे के दिनों की औसत संख्या 0.3 होती है। MP में 10 साल में सबसे गर्म दिसंबर इंदौर भोपाल में सर्दी नहीं जबलपुर में शीतलहर रहती है।

जबलपुर में उच्चतम अधिकतम तापमान 28 दिसंबर 1960 को 33.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था। 28 दिसंबर 1902 को निम्नतम न्यूनतम तापमान 0.6 डिगी सेल्सियस, सन 1885 में अधिकतम कुल मासिक वर्षा 125.0 मिलीमीटर और 16 दिसंबर 1885 में 24 घंटों में 68.1 मिलीमीटर है।

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