शारदीय नवारत्रि 2023 ; जानें घटस्थापना मुहूर्त, पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा विधि, भोग, मंत्र
शारदीय नवरात्रि 15 अक्टूबर से हो रही है। मां दुर्गा के 9 स्वरूपों को समर्पित है, हर दिन माता के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा होती है. 15 अक्टूबर 2023 घर, पंडालों में शुभ मुहूर्त घटस्थापना कर माता का आव्हान किया जाएगा।
माता की पहली शक्ति मां शैलपुत्री की पूजा होगी। 9 दिन की अखंड ज्योत प्रजवल्ति की जाएगी। इसके बाद अगले नौ दिन तक मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना होगी। श्रद्धालु व्रत रखेंगे।
शारदीय नवरात्रि शुरू – 15 अक्टूबर 2023
शारदीय नवरात्रि समाप्त – 23 अक्टूबर 2023
दुर्गा विसर्जन 2023 – 24 अक्टूबर 2023
नवरात्रि में घटस्थापना के ये 2 शुभ मुहूर्त
अश्विन शुक्ल की प्रतिपदा तिथि 14 अक्टूबर 2023 को रात 11.24 मिनट पर शुरू होगी 16 अक्टूबर 2023 को प्रात: 12.03 मिनट पर समाप्त होगी. नवरात्रि के पहले दिन अभिजित मुहूर्त में कलश स्थापना बहुत शुभ मानी गई है।
घटस्थापना सुबह का मुहूर्त – प्रातः 06:30- प्रातः 08:47 (15 अक्टूबर 2023)
कलश स्थापना के लिए अभिजित मुहूर्त – सुबह 11.44 – दोपहर 12.30 (15 अक्टूबर 2023)
नवरात्रि 2023 मां शैलपुत्री की पूजा विधि
शारदीय नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा से पहले शुभ मुहूर्त में घटस्थापना करें। अखंड ज्योति प्रज्वलित करें और भगवान गणेश का अव्हान करें. देवी शैलपुत्री को सफेद रंग प्रिय है, हालांकि नारंगी और लाल भी देवी को अति प्रिय है। घटस्थापना के बाद षोडोपचार विधि से देवी शैलुपत्री की पूजा करें। . मां शैलपुत्री को कुमकुम, सफेद चंदन, हल्दी, अक्षत, सिंदूर, पान, सुपारी, लौंग, नारियल 16 श्रृंगार का सामान अर्पित करें. देवी को सफेद रंग की पुष्प, सफेद मिठाई जैसे रसगुल्ला भोग लगाएं। मां शैलपुत्री के बीज मंत्रों का जाप करें और फिर आरती कर दें. शाम को भी माता की आरती करें।
मां शैलपुत्री के मंत्र
ओम देवी शैलपुत्र्यै नमः
ह्रीं शिवायै नम:
वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्। वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥
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