किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृषि के साथ झींगा मछली पालन, होगा अच्छा मुनाफा
हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जे.पी.दलाल ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृषि क्षेत्र के साथ-साथ मत्स्य पालन, विशेषकर झींगा मछली के पालन की तरफ अधिक ध्यान देना होगा और इसके लिए अगले दो वर्ष में 10 हजार किसानों को तैयार किया जाना आवश्यक है। झींगा मछली भंडारण के लिए ऐसे गोदामों की व्यवस्था भी होनी चाहिए, जहां पर काफी समय तक इसको रख सकें। उन्होंने कहा कि पशुधन के लिए ज्यादा से ज्यादा ऋण देने होंगें और प्रदेश की चीनी मिलों में एथेनाॅल प्लांट लगाने के लिए प्रयास करने होंगें इस के लिए राज्य सरकार प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा कि “कृषि में पूंजी निर्माण” को बढ़ावा देने तथा समाज के अंतिम व्यक्ति तक संस्थागत वित्तीय सेवाओं की आसान पहुँच को सुनिश्चित करने के लिए नाबार्ड प्रतिवर्ष हरियाणा राज्य में विद्यमान भौतिक और वित्तीय संसाधनों के आधार पर प्रत्येक जिले के लिए संभाव्यतायुक्त ऋण योजना (पीएलपी) तैयार करता है। नाबार्ड के सहयोग से किसानो का कृषि क्षेत्र में विकास हुआ है।
कृषि मे आत्मनिर्भरता और किसानों की आय बढ़ाने पर अधिक जोर
कृषि मंत्री ने कहा कि प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी कृषि में आत्मनिर्भरता और किसानों की आय में तेजी से वृद्धि सुनिश्चित करने लिए किसान उत्पादक संगठन, कृषि स्टार्ट-अप, कृषि मंे टेक्नोलोजी का प्रयोग, मार्केटिंग आधार-संरचना का आधुनिकीकरण, एक देश एक फर्टिलाइजर “भारत”, नैनो यूरिया आदि पहलों पर जोर दे रहे हैं। इस दिशा में, सरकार द्वारा कृषि और संबंधित क्षेत्रों में उत्पादन तथा उत्पादकता बढाने के उद्देश्य से कृषि आधारभूत संरचनाओं के विकास हेतु, “कृषि अवसंरचना निधि”, ‘‘ऑपरेशन ग्रीन्स’’, कृषक उत्पादक संगठनों को प्रोत्साहन, सुलभ एवं पारदर्शी बाजार के लिए ‘ई-नैम’, “प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना”, “परंपरागत कृषि विकास योजना”, कृषि निर्यात का उदारीकरण जैसी आवश्यक नीतिगत पहलें की गई हैं।
प्रदेश सरकार ने कृषि में विविधीकरण एवं किसानों की आय में वृद्धि के लिए उठाए कई कदम
दलाल ने कहा कि प्रदेश सरकार ने कृषि में विविधीकरण एवं किसानों की आय में वृद्धि हेतु कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इनमें मशीन हायरिंग केन्द्रों की स्थापना, प्राकृतिक एवं जैविक खेती को बढ़ावा, प्रमाणीकरण, ब्रांडिंग व पैकेजिंग के लिए 100 क्लस्टरों की स्थापना हेतु वित्तीय सहायता, ताजे फलों व सब्जियों के लिए 100 पैकहाउसों की स्थापना, 100 एफपीओ का गठन, उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना जैसे अनेक कदम उठाए गए है।
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