भारत की आर्थिक वृद्धि दर में है इतना दम
मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को कहा कि भारत की विकास दर 7.5 प्रतिशत से भी अधिक होने की क्षमता रखती है। यह अनुमान भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा चालू वित्तीय वर्ष के 7.2 प्रतिशत की वृद्धि अनुमान से थोड़ा ज्यादा है। रिजर्व बैंक ने यहां जारी बयान में कहा कि श्री दास ने सिंगापुर में स्विस बैंक यूबीएस के सहयोग से आयोजित बयान ब्रेटन वुड्स कमेटी के वार्षिक फ्यूचर ऑफ फाइनेंस फोरम में यह बयान दिया। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि भारत की वर्तमान विकास क्षमता लगभग 7.5 प्रतिशत से भी अधिक है। श्री दास ने कहा कि इस साल के अंत तक हम 7.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करने की उम्मीद कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि विकास के पूर्वानुमानों में जोखिम संतुलित हैं और मजबूत मैक्रोइकनॉमिक (सामान्य आर्थिक) आधारों द्वारा समर्थित हैं, जिनमें निजी खपत और निवेश मुख्य कारक हैं। उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति अप्रैल 2022 में 7.8 प्रतिशत के अपने चरम से कम होकर 4 प्रतिशत के लक्ष्य के आसपास आ गई है, लेकिन हमें अभी भी आगे बहुत काम करना है और इस पर ध्यान केंद्रित करना जरूरी है। श्री दास ने कहा कि सेवाओं का निर्यात बढ़ा है,
लेकिन बाहरी मांग कमजोर होने के कारण निर्यात की वृद्धि उम्मीद से कम रही है। उन्होंने वित्तीय समेकन की प्रगति, सार्वजनिक कर्ज में कमी और कॉर्पोरेट प्रदर्शन में सुधार को संतुलित विकास के लिए सकारात्मक कारक बताया। रिजर्व बैंक के गवर्नर ने बढ़ते वैश्विक कर्ज के प्रति अगाह करते हुये कहा कि कर्ज का यह अभूतपूर्व स्तर विशेष रूप से उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं (ईएमई) और निम्न से मध्यम आय वाले देशों के लिए बड़ा जोखिम पैदा करता है। ऐसे देश वित्तीय अस्थिरता के प्रति तेजी से कमजोर होते जा रहे हैं।