पंजाबराज्य

बठिंडा में चार जवानों की हत्या: सेना ने चलाया सर्च अभियान, ‘कातिलों’ को जमीन निगल गई या खा गया आसमान

बठिंडा सैन्य छावनी में 80 मीडियम रेजिमेंट के चार जवानों की हत्या को 36 घंटे से अधिक का समय बीत चुका है। मगर अभी तक सेना और पुलिस ने किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया है। सेना और पुलिस ने गुरुवार को जांच करने के साथ इलाके में सर्च ऑपरेशन भी जारी रखा। वहीं, पंजाब पुलिस ने छावनी और घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली। सेना के बड़े अधिकारियों ने भी घटनास्थल का जायजा लिया। उधर, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जवानों के शवों पर गोलियों के निशान मिले हैं। रिपोर्ट में कुल्हाड़ी से वार का जिक्र नहीं है। उल्लेखनीय है कि बुधवार को ऑफिसर मेस के सामने बनी बैरक में सो रहे चार जवानों पर दो अज्ञात हमलावरों ने सुबह 4:35 बजे अंधाधुंध गोलियां चला दी थीं।

पंजाब पुलिस के अधिकारियों ने उस जवान से भी गुरुवार को फिर पूछताछ की, जिसने हमलावरों को कुर्ते पायजामे में भागते देखा था। ऑफिसर्स मेस के पास जवानों के बैरक से गोलियों की आवाज सुनकर इस चश्मदीद ने ही मेजर को इसकी सूचना दी थी। उसने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को बताया था कि अज्ञात हमलावरों में से एक के पास इंसास राइफल थी, जबकि दूसरे के पास कुल्हाड़ी। हत्या करने के बाद दोनों हमलावर सेना परिसर के एक जंगल में गायब हो गए। जांचकर्ताओं ने दोहराया कि हत्या किसी आतंकवादी गतिविधि से नहीं जुड़ी है। सेना ने अपने यूनिट के सभी सैनिकों का रिकॉर्ड भी चेक किया है। छावनी क्षेत्र के जंगल में गुरुवार को दूसरे दिन भी सेना ने हमलावरों की तलाश में सर्च ऑपरेशन जारी रखा।

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छावनी की सुरक्षा पर उठे सवाल
चार जवानों की मौत के बाद सैन्य छावनी की सुरक्षा पर भी सवाल उठे हैं। यह अहम सवाल सेना की सुरक्षा ऑडिट में किया गया है। सूत्रों ने बताया कि जवानों की मौत के बाद सेना ने अपने बेस का सुरक्षा ऑडिट किया है। एक अधिकारी ने बताया कि अतिसंवेदनशील इलाके में हमलावर अंदर कैसे दाखिल हो गए। पूरे क्षेत्र में जगह-जगह सुरक्षाकर्मी तैनात हैं। सेना का यह क्षेत्र बहुत महत्वपूर्ण है। पाकिस्तान के नजदीक है। ऐसे में सुरक्षा और मजबूत होनी चाहिए थी। सेना की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर पर भी सवाल उठे हैं। घटना सुबह चार बजे की है और पुलिस में एफआईआर तीन बजे क्यों दर्ज करवाई गई।

इंसास राइफल की फॉरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार
सेना की विभिन्न टीमें कैंट में सर्च अभियान चला रही हैं लेकिन हत्यारों का कोई सुराग नहीं लग पाया है। गायब हुई इंसास राइफल को बुधवार को बरामद कर लिया गया था। माना जा रहा है कि इसी से चारों जवानों की हत्या की गई है। हालांकि अभी इसकी फॉरेंसिक रिपोर्ट आना बाकी है। अगर चोरी की राइफल से हत्याकांड को अंजाम दिया गया है तो यह एक सोची समझी साजिश के तहत किया। इंसास के साथ 28 कारतूस भी चोरी हुए थे। बुधवार को यह बात भी सामने आई थी कि हमलावरों ने हत्या से पहले बैरकों की रेकी भी की थी। सेना ने इस मामले में अभी कोई नई जानकारी नहीं दी गई है।

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