हरियाणा

फिंगर प्रिंट से हत्थे चढ़ा लाखों की चोरी का आरोपी

चंडीगढ़ , 26 मार्च – इस दुनिया में लोगों की शक्ल मिल सकती है, लेकिन हाथों की लकीरें कभी एक जैसी नहीं हो सकतीं। यही लकीरें इंसान को आइडेंटिफाई करने में मदद करती हैं और अब इन्हीं लकीरों के जरिए पुलिस अपराधियों तक पहुंचने में कामयाबी हासिल कर रही है । ऐसे ही एक मामले में हरियाणा पुलिस ने पंचकूला के सेक्टर-4 के रहने वाले वकील के घर से तक़रीबन 65 लाख रुपये की हाई प्रोफाइल चोरी करने के मामले में फिंगर प्रिंट की सहायता से आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान इमरान मेरठ उत्तर-प्रदेश निवासी के रूप में हुई है। आरोपी को अदालत में पेश कर पुलिस रिमांड पर लिया है। पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि इस गैंग में चार लोग शामिल हैं। रिमांड के दौरान आरोपी गैंग के अन्य सदस्यों के साथ जेवर और नकदी की बरामदगी करेगी।

 

मौके पर मिले थे फिंगर प्रिंट, स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ने नेफिस पर रिकॉर्ड किया सर्च

पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि जानकारी के अनुसार जनवरी को चोर स्विफ्ट कार से सेक्टर-4 स्थित वकील और डॉक्टर दंपती के घर दोपहर में चोरी करने पहुंचे थे। चोर मिनटों में 62 लाख रुपये के जेवर और तीन लाख रुपये नकदी चोरी कर फरार हो गए थे। चोरी की वारदात घर में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी। घर मालिक चरणजीत सिंह ने बताया कि वे पेशे से वकील हैं। उनकी पत्नी डॉक्टर है। घर में उनके साथ सास रहती है। उन्होंने बताया कि वे दोपहर में करीब तीन बजे पत्नी व सास के साथ चंडीगढ़ में फर्नीचर देखने के लिए गए थे। जब वे शाम 6.45 बजे वापस आए तो घर के मेन गेट का ताला टूूटा हुआ था। उन्होंने अंदर जाकर देखा तो सारा सामान बिखरा पड़ा था। इसके बाद उन्होंने पुलिस को सूचना दी। सूचना पाते ही थाना पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीमें , फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट्स के साथ मौके पर पहुंची थी। चोरी हुए घर में फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट द्वारा कुछ प्रिंट उठाये गए जिन्हें आगामी कार्रवाई के लिए स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो में भेज दिया गया। एक्सपर्ट्स द्वारा उपलब्ध करवाए गए चांस प्रिंट को एससीआरबी टीम को दिए गए जिस को नेफिस सॉफ्टवेयर पर सर्च किये गए जहाँ से एक आरोपी के प्रिंट मैच कर गए । उसी प्रिंट के आधार पर पुलिस को आरोपियों के ठिकाने का खुलासा हुआ।

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छत्तीसगढ़ में था एक आरोपी पर केस दर्ज ,नेफिस से मिला मेरठ का लिंक।

आगे जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी पर फरीदाबाद, गुरुग्राम, सोनीपत और छतीसगढ़ में चोरी के मामले दर्ज हैं। इसके अतिरिक्त रिकॉर्ड सर्च करने पर पता चला कि आरोपी पर प्रदेश के फरीदाबाद में भी वर्ष 2014 में मुकदमा दर्ज हुआ था। नेफिस पर सर्च करने के बाद पता चला कि आरोपी ने अपना पता मेरठ का लिखवा रखा था जहाँ पर पुलिस टीम द्वारा रेड की गई और वहां से चोरी में लिप्त रहे एक मुख्य आरोपी इमरान को गिरफ्तार किया गया। चोरी में संलिप्त रहे अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है।

इस साल नेफिस से ट्रेस हुई है 10 डेड बॉडीज, पुरे देश का है डेटाबेस सॉफ्टवेयर पर उपलब्ध

स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के निदेशक की ज़िम्मेदारी वर्तमान में ओपी सिंह, आईपीएस पर है। उन्होंने बताया की इस साफ्टवेयर के माध्यम से प्रदेश पुलिस जेलो मे बन्द अपराधियो का पूर्ण रिकार्ड रहता है। उपरोक्त सॉफ्टवेयर में अपराधी का नाम व अन्य सुचना की एंट्री करने से, यदि किसी अन्य राज्य में उसकी स्थिति है तो तभी अपडेट हो जाती है। उक्त सूचना के आधार पर अनुसंधानिक अधिकारी आगामी कार्यवाही कर सकते है। कई बार ऐसा देखा गया है कि एक अपराधी कई राज्यों में वांछित होता है और किसी अन्य राज्य में जेल में बंद होता है। ऐसी स्थिति में इस सॉफ्टवेयर पर जो डाटा बेस उपलब्ध है उसकी सहायता से अपराधियों की वर्तमान लोकेशन को ढूंढा जा सकता है। इसके अतिरिक्त नेफिस इंचार्ज इंस्पेक्टर प्रीतम ने जानकरी देते हुए बताया कि हाल ही में 10 लावारिस डेड बॉडीज कि पहचान भी नेफिस कि सहायता से ही कि गई है। इन 10 डेड बॉडीज में से 5 प्रदेश से संबंधित है, वहीँ अन्य 5 प्रदेश के बाहर से सम्बंधित है। इसके अलावा भी प्रदेश में जिलों में तैनात पुलिस के लिए सॉफ्टवेयर पर रजिस्ट्रेशन और ट्रेनिंग की ज़िम्मेदारी स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो पर है। पिछले वर्ष NCRB में स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा प्रदेश के जिलों में नियुक्त स्टाफ का रजिस्ट्रेशन करवाया और ट्रेनिंग दी गई है।

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