
सरकारी कर्मचारियों की ट्रांसफर को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। अदालत ने कहा है कि अगर कोई सरकारी कर्मचारी अपनी मर्जी से ट्रांसफर लेता है, तो उसे जनहित में हुआ ट्रांसफर नहीं माना जाएगा। साथ ही ऐसे कर्मचारी अपनी पुरानी नौकरी के आधार पर सीनियोरिटी का दावा भी नहीं कर सकते। जस्टिस पीएस नरसिम्हा और मनोज मिश्रा की बैंच ने यह फैसला कर्नाटक हाई कोर्ट के एक मामले की सुनवाई करते हुए दिया। इस फैसले का मतलब है कि अब अपनी मर्जी से ट्रांसफर लेने वाले कर्मचारियों को सीनियोरिटी के मामले में नुकसान हो सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर किसी सरकारी कर्मचारी का ट्रांसफर जनहित में होता है, तो उसे ट्रांसफर वाली जगह पर भी अपनी पुरानी सीनियोरिटी मिलती रहेगी, लेकिन अगर कोई कर्मचारी खुद ट्रांसफर मांगता है, तो उसे नई जगह पर सबसे जूनियर माना जाएगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि नई जगह पर पहले से मौजूद कर्मचारियों के हितों का ध्यान रखना जरूरी है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि बिना किसी जनहित के ट्रांसफर के उनकी स्थिति को बदला नहीं जा सकता।
Deprecated: htmlspecialchars(): Passing null to parameter #1 ($string) of type string is deprecated in /home/ynvicrxv1075/public_html/hindxpress.com/wp-includes/formatting.php on line 4714
क्या है मामला?
यह मामला कर्नाटक हाई कोर्ट से जुड़ा था। जहां एक स्टाफ नर्स को 1985 में मेडिकल कारणों से फस्र्ट डिवीजन असिस्टेंट के पद पर ट्रांसफर चाहिए था। उन्होंने लिखकर दिया था कि उन्हें नई जगह पर सबसे नीचे रखा जाए। कर्नाटक सरकार ने 1989 में उनके ट्रांसफर को मंजूरी दी और उनकी सीनियोरिटी 1989 से तय की। नर्स ने 2007 में इसे चुनौती दी और कहा कि उनकी सीनियोरिटी 1979 से होनी चाहिए, जब वह पहली बार नियुक्त हुई थीं।
रेप पर इलाहाबाद हाई कोर्ट की टिप्पणी असंवेदनशील
Deprecated: htmlspecialchars(): Passing null to parameter #1 ($string) of type string is deprecated in /home/ynvicrxv1075/public_html/hindxpress.com/wp-includes/formatting.php on line 4714
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी में एक नाबालिग के यौन उत्पीडऩ के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट के एक जज को बड़ी नसीहत दी है। साथ ही जज के उस फैसले पर रोक भी लगा दी, जिसमें जज ने कहा था कि नाबालिग के प्राइवेट पार्ट छूना और सलवार का नाड़ा खींचना रेप की कोशिश के बराबर नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने इसे संवेदनहीनता करार दिया है। इसके साथ ही जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बैंच ने मामले पर उन्होंने केंद्र और यूपी सरकार से जवाब मांग लिया।
Deprecated: htmlspecialchars(): Passing null to parameter #1 ($string) of type string is deprecated in /home/ynvicrxv1075/public_html/hindxpress.com/wp-includes/formatting.php on line 4714
Deprecated: htmlspecialchars(): Passing null to parameter #1 ($string) of type string is deprecated in /home/ynvicrxv1075/public_html/hindxpress.com/wp-includes/formatting.php on line 4714
Deprecated: htmlspecialchars(): Passing null to parameter #1 ($string) of type string is deprecated in /home/ynvicrxv1075/public_html/hindxpress.com/wp-includes/formatting.php on line 4714