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सिद्धारमैया की टीपू सुल्तान से तुलना पर अटके कर्नाटक के मंत्री, बर्खास्त करने की उठी मांग

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया ने गुरुवार को कर्नाटक के मंत्री सीएन अश्वथ नारायण पर लोगों को उन्हें मारने के लिए उकसाने का प्रयास करने का आरोप लगाया। सिद्धारमैया ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई से आग्रह किया कि वे अश्वथ नारयण को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करें और उनके खिलाफ तुरंत कार्रवाई शुरू करें।

मंत्री अश्वथ नारायण ने की थी तुलना

बता दें कि मंत्री अश्वथ नारायण ने सिद्धारमैया और 18वीं सदी के मैसूर शासक टीपू सुल्तान के बीच तुलना की थी। शिक्षा मंत्री नारायण ने कहा था कि टीपू का बेटा सिद्धारमैया आएगा क्या आप टीपू या सावरकर चाहते हैं? हमें टीपू सुल्तान को कहां भेजना चाहिए? उरी गौड़ा और नांजे गौड़ा ने क्या किया? उसी तरह उन्हें भी बाहर कर दिया जाना चाहिए और भेज दिया जाना चाहिए।

इस मामले के बढ़ने और विवादों में घिरने पर मंत्री नारायण ने कहा कि उनका बयान व्यक्तिगत रूप से सिद्धारमैया पर निर्देशित नहीं था और अगर कांग्रेस विधायक दल के नेता को चोट लगी है तो वह खेद व्यक्त करेंगे।

उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि उनका मतलब केवल चुनावी रूप से हराना है और कोई शारीरिक नुकसान पहुंचाना नहीं है। इस बयान को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है।

नेता प्रतिपक्ष सिद्धारमैया ने टिप्पणी का किया जिक्र

राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सिद्धारमैया ने मंत्री नारायण द्वारा मांड्या में की गई टिप्पणी का जिक्र किया। सिद्धारमैया ने कहा कि उच्च शिक्षा मंत्री अश्वथ नारायण ने लोगों से अपील की है कि जिस तरह टीपू को मारा गया, उसी तरह मुझे भी मार डालो।

उन्होंने कहा कि अश्वथ नारायण, तुम लोगों को भड़काने की कोशिश क्यों कर रहे हो? खुद बंदूक ले आओ। पूर्व मुख्यमंत्री ने एक साथ कई ट्वीट्स किए। इसमें उन्होंने खुले तौर पर लोगों को मारने की अपील करने वाले मंत्री के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं किए जाने पर आश्चर्य व्यक्त किया।

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न्हांने कहा कि इससे पता चलता है कि मुख्यमंत्री बोम्मई, गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र और उनका कैबिनेट सो रहा है और अश्वथ के साथ समझौता कर रहा है। एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि क्या गुजरात भाजपा की संस्कृति अब कर्नाटक भाजपा में भी समा गई है?

उन्होंने पूछा कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2002 (गुजरात दंगों) की तरह अब भी चुप रहेंगे। कन्नडिगा कभी भी कर्नाटक को गुजरात जैसा नहीं बनने देंगे।

सिद्धरमैया ने मुख्यमंत्री बोम्मई से नारायण को तुरंत मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने और उन्हें गिरफ्तार करने का आग्रह किया।
सिद्धारमैया ने कहा कि यदि कोई कार्रवाई नहीं की जाती है, तो इसका मतलब केवल यह है कि भाजपा अपील से सहमत है या उन्हें लगता है कि अश्वथ नारायण मानसिक रूप से अस्थिर हो गए हैं।

नारायण ने दी सफाई

विवाद में आने के बाद शिक्षा मंत्री नारायण ने कहा कि उनके बयान की गलत व्याख्या करके पेश करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लोग ऐसी चीजों को स्वीकार नहीं करेंगे। वह (सिद्धारमैया) हैं जिन्होंने मुख्यमंत्री की तुलना कुत्ते के बच्चे से की, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष को जोकर कहा, प्रधानमंत्री मोदी को नरहन्थक (सामूहिक हत्यारा) कहा।

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मेरा मतलब केवल उसे वोटों के जरिए चुनाव में हराना था न कि व्यक्तिगत टिप्पणी करना या उसे शारीरिक रूप से कोई नुकसान पहुंचाना।

शिक्षा मंत्री के सफाई देने के बाद हुबली में पत्रकारों से चर्चा करते हुए सिद्धारमैया ने कहा कि नारायण के पास मंत्री के रूप में बने रहने का कोई व्यवसाय नहीं है, मैं राज्यपाल से उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने का अनुरोध करता हूं।

यह दावा करते हुए कि मंशा वोटों का घ्रुवीकरण करना है क्योंकि वे (भाजपा) चुनाव हारने से डरते हैं। सिद्धारमैया ने कहा कि मैं कोई शिकायत दर्ज नहीं करूंगा, लेकिन यह एक उपयुक्त मामला है, जिसमें पुलिस को अश्वथ नारायण के खिलाफ स्वतः कार्रवाई करनी होगी।

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