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चीन से तनातनी के बीच भारत के ब्रह्मास्त्र का परीक्षण: अग्नि-5 ने 5 हजार KM दूर लक्ष्य को किया नष्ट

चीन से तनातनी के बीच भारत के ब्रह्मास्त्र का परीक्षण: अग्नि-5 ने 5 हजार KM दूर लक्ष्य को किया नष्ट

अरुणाचल प्रदेश के तवांग में चीनी सैनिकों से झड़प के 7वें दिन भारत ने अपनी सबसे ताकतवर मिसाइल अग्नि-5 का सफल परीक्षण किया है। भारत ने गुरुवार को अग्नि-5 बैलिस्टिक मिसाइल की नाइट ट्रायल किया। एटमी ताकत वाली इस मिसाइल ने 5 हजार किलोमीटर दूर जाकर अपने टारगेट को सफलतापूर्वक ध्वस्त किया। अब पूरा एशिया,आधा यूरोप, रूस और यूक्रेन के साथ-साथ राजधानी बीजिंग सहित पूरा चीन अग्नि-5 की रेंज में आ गया है।

इस टेस्ट की टाइमिंग ही नहीं, खूबी भी बेहद खास है। दरअसल, नई टेक्नोलॉजी और उपकरणों के साथ यह टेस्ट किया गया है। नए रूप में मिसाइल पहले की तुलना में काफी हल्की होगी। मिसाइल बनाने में इस्तेमाल की गई नई तकनीकों और उपकरणों की जांच करने के उद्देश्य से ही यह परीक्षण किया गया था। डिफेंस सोर्सेज के हवाले से बताया गया है कि इस ट्रायल ने साबित कर दिया है कि अगर जरूरत हुई तो अग्नि-5 की मारक क्षमता बढ़ाई जा सकती है।

देश की सबसे ताकतवर मिसाइल अग्रि-5 भारत की लंबी दूरी की सतह से सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल है, जो 5000 किमी दूर दुश्मन के ठिकाने को तबाह करने की ताकत रखती है। इस रेंज में पूरा चीन आ जाता है। कुछ रिपोर्टों में दावा किया जाता है कि यह 8 हजार किलोमीटर तक मार कर सकती है। यह मिसाइल 1500 किलोग्राम का न्यूक्लियर वॉरहेड लेकर उड़ सकती है।

29 हजार 401 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार

अग्नि-5 भारत की पहली और एकमात्र इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने बनाया है। ये भारत के पास मौजूद लंबी दूरी की मिसाइलों में से एक है।

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इस मिसाइल की रेंज 5 हजार किलोमीटर है। अग्नि- 5 बैलिस्टिक मिसाइल एक साथ कई हथियार ले जाने में सक्षम है।
ये मल्टिपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटेबल रीएंट्री व्हीकल (MIRV) से लैस है। यानी एक साथ कई टारगेट्स के लिए लॉन्च की जा सकती है।
यह मिसाइल डेढ़ टन तक न्यूक्लियर हथियार अपने साथ ले जा सकती है। इसकी स्पीड मैक 24 है, यानी आवाज की स्पीड से 24 गुना ज्यादा।

अग्नि-5 के लॉन्चिंग सिस्टम में कैनिस्टर तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। इस वजह से इस मिसाइल को कहीं भी आसानी से ट्रांसपोर्ट किया जा सकता है।

अग्नि-5 मिसाइल का इस्तेमाल भी बेहद आसान है, इस वजह से देश में कहीं भी इसकी तैनाती की जा सकती है।

किलोग्राम वजन का परमाणु हथियार लगा सकते हैं। इस मिसाइल में तीन स्टेज के रॉकेट बूस्टर हैं, जो सॉलिड फ्यूल से उड़ते हैं। यह एक सेकेंड में 8.16 किलोमीटर की दूरी तय करती है। यह 29 हजार 401 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से दुश्मन पर हमला करती है। अग्नि-5 को सड़क और रेल प्लेटफॉर्म से भी छोड़ा जा सकता है। ऐसे में इसे बड़ी आसानी से देश के किसी भी कोने में तैनात किया जा सकता है। मौसम की परिस्थितियों का भी इस पर कोई असर नहीं होता है।

अब तक कुल 9 टेस्ट पूरे

अग्नि-5 मिसाइल के अब तक कुल के सात सफल परीक्षण हो चुके हैं। इसका पहला सफल परीक्षण 19 अप्रैल 2012 को हुआ था। उसके बाद 15 सितंबर 2013, 31 जनवरी 2015, 26 दिसंबर 2016, 18 जनवरी 2018, 3 जून 2018 और 10 दिसंबर 2018 को इसकी टेस्टिंग हुई थी। अक्टूबर 2021 में आठवीं और नौवीं टेस्टिंग 15 दिसंबर 2022 को की गई।

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1989 से ही भारत अग्नि सीरीज की मिसाइलों पर काम कर रहा है। इसे DRDO और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड ने तैयार किया है। एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से भारत ने इसका सफल परीक्षण किया। DRDO अग्नि के अलग-अलग वैरियंट के जरिए और शक्तिशाली बनाने की तैयारी में जुटा है।

इंटरकॉन्टिनेंटल एटॉमिक रेडी बैलिस्टिक मिसाइल को ओडिशा के तट से दूर अब्दुल कलाम द्वीप से दागा गया था। ये टेस्ट चीन और भारतीय सैनिकों के बीच हाल ही में हुई झड़प के कुछ दिनों बाद किया गया है, हालांकि इसकी योजना पहले बनाई गई थी।

अग्नि से जुड़ी अहम जानकारियां :

  • परमाणु-सक्षम अग्नि V बैलिस्टिक मिसाइल 5000 किलोमीटर से अधिक की दूरी के टारगेट को भेद सकती है।
  • मिसाइल पर नई तकनीकों और उपकरणों को मान्य करने के लिए परीक्षण किया गया था।
  • परीक्षण में यह साबित हुआ है कि मिसाइल अब पहले की तुलना में अधिक दूर के लक्ष्य को भेद सकती है।
  • ये परीक्षण चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच झड़पों के कुछ दिनों बाद किया गया, लेकिन इसकी योजना पहले बनाई गई थी।
  • रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि यह अग्नि-V की नौवीं उड़ान है। इस मिसाइल का यह एक और नियमित परीक्षण था।

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