
तवांग में चीनी सैनिकों को घसीटते हुए भगाये हमारे जवान, चीनि अपनी सीमा की ओर भागते दिखे
अरुणाचल में भारत और चीन के सैनिकों में झड़प का एक वीडियो सामने आया है। चीनी सैनिकों ने जैसे ही टेम्परेरी वॉल पर लगी तारबंदी को तोड़कर भारतीय सीमा में घुसने की कोशिश की, मुस्तैद भारतीय सैनिकों ने इनका जमकर मुकाबला किया और इन्हें खदेड़ दिया। सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो में दावा किया जा रहा है कि यह भारतीय-चीनी सैनिकों की भिड़ंत का है। हालांकि, अब तक इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है।
दरअसल, 300 से अधिक चीनी सैनिक 17 हजार फीट ऊंची चोटी पर कब्जे की फिराक में थे। ठीक वैसे ही, जैसे 1999 में करगिल में पाकिस्तानी सेना ने किया था।
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आज का बड़ा बयान: अमेरिका ने इंडिया का सपोर्ट किया, बोला- चीन उकसाता है
अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन के प्रेस सेक्रेटरी पैट राइडर ने तवांग पर कहा- चीन उकसावे की कार्रवाई करता है। अमेरिका ने देखा कि चीन LAC के आस-पास सेना जुटा रहा है और मिलिट्री इंफ्रास्ट्रचर बना रहा है। हम स्थिति को नियंत्रित करने के लिए भारत के प्रयासों का पूरा समर्थन करेंगे। हम अपने मित्र देशों की सुरक्षा निश्चित करते रहेंगे।
अब जानिए 2 मिनट 47 सेकेंड के वायरल वीडियो में क्या
2 मिनट 47 सेकेंड के इस वीडियो में भारतीय सैनिक चीनी सैनिकों का जमकर मुकाबला कर रहे हैं। चीनी सैनिकों के हाथ में डंडे, कंटीली लाठियां दिख रही हैं। कंधों पर आधुनिक राइफलें टंगी हैं। वे अपने साथ वीडियोग्राफी के लिए ड्रोन भी लेकर आए थे। इसके अलावा इलेक्ट्रिक बैटन से लैस थे। तो भारतीय सैनिक भी कंटीले डंडे लेकर खड़े थे। जैसे उन्होंने तार तोड़कर घुसने की कोशिश की भारतीय सैनिक टूट पड़े। चीनी सैनिकों को पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया।
घुसपैठ का पैटर्न कहता है- PLA हमेशा हमें पीछे धकेलना चाहती है
रक्षा सूत्रों का कहना है कि इस क्षेत्र में भारतीय सेना की ‘कवच वॉल’ को PLA के सैनिक हर गश्त के दौरान पीछे धकेलने की साजिश करते रहते हैं।
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चीन के मंसूबे इस बात से पता चलते हैं कि घुसपैठ की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। 2006 से 2010 के बीच चीनी सेना ने घुसपैठ की 300 कोशिशें की थीं।
2015 से 2020 के बीच घुसपैठ की घटनाएं 300 से बढ़कर 600 तक पहुंच गईं। कब्जा बढ़ाकर चीन नई यथास्थिति बनाना चाहता है।
दुनिया की सबसे लंबी विवादित सीमा पर 76 हॉट स्पॉट पश्चिमी सेक्टर और 7 पूर्वी सेक्टर में हैं। दोनों सेक्टरों में घुसपैठ का पैटर्न चीन की विस्तारवादी नीति का संकेत देता है। पश्चिमी सेक्टर में घुसपैठ ईस्टर्न से 3 गुना अधिक है। 2020 में यह पैटर्न पश्चिम में 10 गुना अधिक था।
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इस बार हम तैयार थे, सीधा निर्देश है- कोई घुसे तो बलपूर्वक रोको
भारतीय सैनिकों को भी चीनी सैनिकों की हरकतों का अंदेशा हो गया था और वो भी ऐसे ही हथियारों से उनका मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पहले से तैयार बैठे थे। जब दोनों सेनाओं का आमना-सामना हुआ तो भारतीय जवानों ने चीनी सैनिकों को जमकर पीटा। इसके बाद डरे चीनी उल्टे पांव वहां से भागे। झड़प में चीन के कई सैनिकों की हडि्डयां टूटी थीं। भारत के 6 जवान घायल हुए।
9 दिसंबर की झड़प के बाद अब यहां सामान्य गश्त बहाल हो चुकी है। हालांकि, सेना पूरे सेक्टर में हाई अलर्ट पर है। सैनिकों को निर्देश है कि चीनी सेना को किसी भी विवादित इलाके में घुसने से बलपूर्वक रोक दिया जाए।
9 पाॅइंट में समझें झड़प की पूरी कहानी…
1. ये मामला कब का है
9 दिसंबर का। अरुणाचल के तवांग के यांगत्से में चीनी सैनिकों ने घुसपैठ करने की कोशिश की।
2. तवांग में झड़प के बाद फ्लैग मीटिंग हुई, चीन से कहा- ऐसी हरकत न करें
भारत के जवाबी हमले के बाद 11 दिसंबर को फ्लैग मीटिंग हुई और मसला शांत हुआ। विवाद वाली जगह से फिलहाल दोनों देशों की सेनाएं हट गई हैं। चीन को ऐसे एक्शन के लिए मना किया गया और शांति बनाए रखने को कहा। कूटनीतिक स्तर पर भी मुद्दा उठाया गया।
3. संसद में राजनाथ और बाहर शाह ने दिया जवाब
राजनाथ ने लोकसभा में कहा- हमारी सेनाएं भौमिक अखंडता को सुरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। किसी भी प्रयास को रोकने के लिए तत्पर हैं। विश्वास है सदन सेनाओं की वीरता और साहस को समर्थन देगा। यह संसद बिना किसी संशय के भारतीय सेना के शौर्य, पराक्रम और क्षमता का अभिनंदन करेगी।
तवांग झड़प को लेकर संसद में भारी हंगामा हुआ। गृहमंत्री अमित शाह ने संसद के बाहर कहा कि भारत की एक इंच जमीन पर चीन ने कब्जा नहीं किया। कांग्रेस ने प्रश्न काल चलने नहीं दिया। शाह ने कहा कि राजीव गांधी फाउंडेशन का प्रश्न काल में जिक्र था। इस फाउंडेशन को चीन से 1.38 करोड़ रुपए मिले थे। कांग्रेस शासन में 1962 में चीन ने हजारों एकड़ जमीन हड़प ली थी।
4. रक्षा मंत्री के बयान के बाद चीन का बयान भी आया
रक्षा मंत्री के बयान के बाद चीन ने भी अपना बयान जारी किया। न्यूज एजेंसी AFP के मुताबिक, चीन ने कहा- भारतीय सीमा पर हालात स्थिर हैं। हमने भारत से कहा है कि वह सीमा पर शांति स्थापित करने में हमारी मदद करे। वहीं शाम तक चीनी सेना के एक प्रवक्ता का भी बयान सामने आया।
चीनी सेना PLA के वरिष्ठ अधिकारी और वेस्टर्न थिएटर कमांड के प्रवक्ता लॉन्ग शाओहुआ ने कहा- भारतीय सैनिकों ने अवैध तरीके से बॉर्डर क्रॉस किया और चीनी सैनिकों के रास्ते में आए, जिससे दोनों ओर से विवाद बढ़ गया। हमने पेशेवर तरीके से मानकों के तहत मजबूत जवाबी कार्रवाई की, जिसके बाद सीमा पर हालात स्थिर हुए।
5. लड़ाकू विमान ने 3 बार चीनी ड्रोन घुसपैठ रोकी
तवांग में भारत और चीन के सैनिकों की झड़प के बाद इंडियन एयरफोर्स (IAF) ने अरुणाचल सीमा पर कॉम्बैट एयर पेट्रोलिंग, यानी जंगी उड़ानें शुरू कर दी हैं। तवांग में हुई झड़प से पहले भी चीन ने अरुणाचल सीमा में अपने ड्रोन भेजने की कोशिश की थी। इसके बाद IAF ने तुरंत अपने लड़ाकू विमान अरुणाचल सीमा पर तैनात किए थे। (पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें…)
6. झड़प के वीडियो वायरल हुए, यूजर बोले
अरुणाचल के तवांग में 9 दिसंबर को भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़प का जिक्र वर्ल्ड मीडिया में भी हो रहा है। हॉन्गकॉन्ग के साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने कहा कि झड़प के तुरंत बाद दोनों सेनाएं अपने इलाकों में लौट गईं।
BBC ने लिखा- झड़प में भारत से ज्यादा नुकसान चीन के सैनिकों को होने की खबर है। सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो भी वायरल हो रहे हैं। यूजर्स कह रहे हैं कि ये तवांग झड़प के वीडियो हैं। ज्यादातर यूजर्स एक्ट्रेस ऋचा चड्ढा को ट्रोल कर रहे हैं।
7. पिछले साल भी 200 चीनी सैनिकों ने की थी घुसपैठ की कोशिश
पिछले साल इसी क्षेत्र में 200 चीनी सैनिकों ने घुसपैठ की कोशिश की थी। तब भी भारतीय सैनिकों ने इसे नाकाम कर दिया था। तब पेट्रोलिंग के दौरान सीमा विवाद को लेकर दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने हो गए थे और कुछ घंटों तक यह सिलसिला चला था। हालांकि इसमें भारतीय जवानों को कोई नुकसान नहीं हुआ और प्रोटोकॉल के मुताबिक बातचीत से विवाद सुलझा लिया गया।
8. गलवान में हुई थी झड़प, हमारे 20 शहीद, चीन के 38 मारे
15 जून 2020 को लद्दाख के गलवान घाटी में दोनों सेनाओं के बीच झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे, जबकि चीन के 38 सैनिक मारे गए थे। हालांकि, चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी ने 4 सैनिक मारे जाने की बात ही कबूली थी।
9. चीन ने अरुणाचल से लगे इलाके में बदले थे 15 जगहों के नाम
पिछले साल, चीन ने अरुणाचल प्रदेश की सीमा से लगे क्षेत्र में 15 स्थानों के नाम चीनी और तिब्बती रख दिए थे। चीन की सिविल अफेयर्स मिनिस्ट्री ने कहा था- यह हमारी प्रभुसत्ता और इतिहास के आधार पर उठाया गया कदम है। यह चीन का अधिकार है।
दरअसल, चीन दक्षिणी तिब्बत को अपना क्षेत्र बताता है। उसका आरोप है कि भारत ने उसके तिब्बती इलाके पर कब्जा करके उसे अरुणाचल प्रदेश बना दिया। इसके पहले 2017 में चीन ने 6 जगहों के नाम बदले थे।
तवांग एक ट्रेलर; 4 पॉइंट में जिनपिंग का गेम प्लान
भले ही भारतीय सेना ने चीनी सैनिकों को वापस खदेड़ दिया हो, लेकिन ये जिनपिंग का एक स्ट्रैटेजिक मूव है, जो 2027 तक युद्ध में बदल सकता है।
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