राज्यहरियाणा

Haryana: शहरी सीमा के 500 मीटर वाली कॉलोनियों में EDC नहीं लिया जाएगा

शहरी सीमा से 500 मीटर के अंदर आने वाली कॉलोनियों में आवासीय प्लाटों पर आवेदक से ईडीसी (एक्सटर्नल डेवलपमेंट चार्ज) नहीं लिया जाएगा। इससे बाहर की आवासीय कॉलोनियों में 50 प्रतिशत ईडीसी वसूला जाएगा। कॉलोनियों में एक क्लब हाउस अनिवार्य होगा जो दो एकड़ से अधिक क्षेत्र का नहीं होगा। इसमें एक वाणिज्यिक स्थल भी उपलब्ध करवाया जाएगा, जो एक हजार वर्ग फुट से अधिक का नहीं होगा।

कैबिनेट ने कम घनत्व वाली पर्यावरण के अनुकूल कॉलोनियों को योजना अनुसार विकसित करने और लाइसेंस प्रदान करने के लिए नीति में संशोधन को स्वीकृति प्रदान की। इन कॉलोनियों में रहने वालों के हित देखते हुए नीति के मानदंडों पर फिर से विचार करने की आवश्यकता है। विभिन्न स्तरों पर विस्तृत विचार-विमर्श के बाद स्थान, क्षेत्र और दृष्टिकोण मापदंड, फीस आदि में संशोधन किया जाएगा।

कॉलोनियो में सभी बायोडिग्रेडेबल कचरे के उपयोग एवं पुनर्चक्रण के लिए कंपोस्ट प्लांट की स्थापना करना भी आवश्यक होगा। इन कॉलोनियों की स्थापना के लिए हाइपर और हाई पोटेंशियल जोन में 25 एकड़, मध्यम जोन में 15 एकड़ और कम क्षमता वाले जोन में 10 एकड़ न्यूनतम भूमि की आवश्यकता होगी। कॉलोनी में कोई भी अंदर की सड़क 9 मीटर से कम चौड़ी नहीं होगी। ऐसी कॉलोनी में कम से कम एक एकड़ से 2.5 एकड़ तक एक प्लाट की ही अनुमति होगी। इनमें लोगों तक आसान पहुंच के लिए कम से कम 12 मीटर चौड़े रास्ते होना चाहिए।

सोनीपत मेट्रोपोलिटन अथॉरिटी को मंजूरी
गुरुग्राम, फरीदाबाद और पंचकूला में मेट्रोपोलिटन अथॉरिटी पहले से है। रोजगार के अवसरों के सृजन के माध्यम से निवासियों को प्रदान किए जाने वाले उचित जीवन स्तर और एकीकृत और समन्वित योजना, बुनियादी ढांचे के लिए एक दृष्टि विकसित करना इसका उद्देश्य है। इसके बनने से शहरी सुविधाओं का विकास और प्रावधान, गतिशीलता प्रबंधन, शहरी पर्यावरण का सतत प्रबंधन और सामाजिक, आर्थिक और औद्योगिक विकास भी होगा।

यह भी पढ़ें ...  सेना के जवान को TTE ने चलती ट्रेन से दिया धक्का, टांग कटी

चार पदों के लिए इंजीनियरिंग की डिग्री अनिवार्य
हरियाणा कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण निगम में नए नियमों के तहत सहायक निदेशक (तकनीकी), वरिष्ठ शिक्षुता पर्यवेक्षक, प्रधानाचार्य और उप-प्रधानाचार्य के पद के लिए शैक्षणिक योग्यता इंजीनियरिंग में डिग्री निर्धारित की गई है। वर्तमान में मौजूदा नियमों के अनुसार उपरोक्त पदों के लिए इंजीनियरिंग में डिप्लोमा/डिग्री निर्धारित योग्यता थी। सेवा नियमों में संशोधन कर नए नियमों में कला स्कूल, रोहतक व राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के सभी 19 उत्कृष्टता केंद्र बंद होने के कारण कला स्कूल, रोहतक में स्वीकृत पदों तथा उत्कृष्टता केन्द्रों के सभी ट्रेड से संबंधित अनुदेशकों के पदों को सेवा नियमों में हटाया गया है। साथ ही, राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में नए चलाए गए ट्रेड के लिए अनुदेशकों के पदों के लिए योग्यताएं निर्धारित की गई हैं।

रेशनेलाइजेशन आयोग का गठन
सरकार ने रेशनेलाइजेशन आयोग के गठन के साथ आयोग से आरक्षण में पदोन्नति का ब्योरा मांगा है। आयोग को एक माह में यह रिपोर्ट सरकार को देनी होगी। चूंकि चुनाव नजदीक हैं और सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के मुताबिक पदोन्नति में आरक्षण का वादा कर चुकी है। इसलिए आयोग को यह डाटा एक माह में ही देना होगा। सेवानिवृत आईएएस अधिकारी राजन गुप्ता को सरकार ने आयोग का चेयरमैन बनाया है।

कैबिनेट ने आयोग गठन को विधिवत मंजूरी दी है। पदोन्नति में आरक्षण के अलावा आयोग के अंतर्गत प्रदेश के सभी कर्मचारियों को लाया जाएगा। इस कार्य के लिए छह माह का समय दिया गया है। छह माह में आयोग को सभी विभागों, बोर्ड और निगमों में कर्मचारियों की संख्या और उनके काम का डाटा इकट्ठा करना होगा। समय के साथ काम करने की तकनीक बदल गई है और सरकार ने कई विभाग आपस में समाहित कर दिए हैं। इन विभागों में कर्मचारियों को किस तरह समायोजित किया जाए, यह काम भी आयोग के पास होगा। यदि किसी विभाग में कर्मचारी कम हैं तो वहां उस विभाग से कर्मचारी दिए जाएंगे जहां अतिरिक्त होंगे।

मुख्यमंत्री ने विभागीय अधिकारियों से इस संदर्भ में पहले भी रिपोर्ट मांगी थी। इन रिपोर्टों का अध्ययन कर आयोग अपनी रिपोर्ट तैयार करेगा। उसके बाद यह सारा आंकड़ा सरकार को सौंपा जाएगा। आयोग की अंतिम रिपोर्ट पर मुख्यमंत्री अपनी मंजूरी देंगे। उसके बाद आयोग के फैसले लागू होंगे।

यह भी पढ़ें ...  AAP से रिश्तों का एलजी ने शायराना अंदाज में दिया जवाब

मालिकाना हक देने में अंबाला कैंट छूटने पर भड़के विज
हरियाणा के फायर ब्रांड मंत्री अनिल विज कैबिनेट की बैठक में गर्म हो गए। नगर निकाय की संपत्तियों पर बसे 20 साल पुराने किरायेदारों को मालिकाना हक देने में अंबाला कैंट के छूटने पर उन्होंने संबंधित अधिकारी से जवाब मांगा। अधिकारी के उत्तर पर विज भड़क गए और कहा कि किसी योजना को सिरे चढ़ने देने से रोकना कैसे है, यह आपको बखूबी आता है। उनके इस कथन के बाद मुख्यमंत्री ने हस्तक्षेप किया और संबंधित अधिकारी को अंबाला कैंट को योजना में शामिल करने को कहा।

मंत्री संदीप सिंह को साध रही सरकार
महिला कोच के यौन शोषण मामले में फंसे मंत्री संदीप सिंह बुधवार को मंत्रिमंडल की बैठक में पहुंचे। इससे पहले वे विधानसभा के सत्र में भी शामिल हो चुके हैं, जिस पर विपक्ष ने हंगामा किया था लेकिन सरकार मंत्री के पक्ष में खड़ी नजर आई थी। हालांकि आज इस मामले पर विपक्ष की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। सरकार को मंत्री मामले में चंडीगढ़ पुलिस की रिपोर्ट का इंतजार है।

Hindxpress.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरें

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button