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भारतीय सेना: अंग्रेजों के जमाने की कई प्रथाएं खत्म कर रही भारतीय सेना, प्रधानमंत्री मोदी ने दिए निर्देश

भारतीय सेना अंग्रेजों के जमाने की कई प्रथाओं को बंद करने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देशों के बाद जनरल मनोज पांडे के नेतृत्व में कार्यक्रमों में घोड़े से चलने वाली बग्घियों के इस्तेमाल, सेवानिवृत्ति पर पुलिंग आउट सेरेमनी और डिनर के दौरान पाइपर्स का उपयोग खत्म करने जा रही है। बता दें कि इसको लेकर  ने अपनी यूनिट्स को आदेश जारी कर दिया है।

प्रथाओं की समीक्षा कर रही

सरकार के निर्देशों के अनुसार, भारतीय सेना कुछ यूनिट के अंग्रेजी नामों, भवनों, प्रतिष्ठानों, सड़कों, पार्कों, औचिनलेक या किचनर हाउस जैसी संस्थाओं के नाम बदलने की भी समीक्षा कर रही है और इस संबंध में कई मामलों में कार्रवाई की जा चुकी है।

बग्घियों का उपयोग होगा बंद

आदेश में कहा गया है कि औपचारिक कार्यों के लिए यूनिट्स या संरचनाओं में बग्घियों का उपयोग बंद कर दिया जाएगा और इन कार्यों के लिए उपयोग किए जाने वाले घोड़ों को ट्रेनिंग के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।

पुलिंग-आउट समारोह में कमांडिंग ऑफिसर या एक वरिष्ठ अधिकारी के वाहन को यूनिट में अधिकारियों और सैनिकों द्वारा उनकी पोस्टिंग या सेवानिवृत्ति पर खींचा जाता है।

सेना के अधिकारी ने कहा कि यह प्रथा बहुत व्यापक रूप से नहीं देखी गई है, क्योंकि जब अधिकारी सेवानिवृत्त होते हैं या दिल्ली से बाहर तैनात होते हैं, तो उनके वाहनों को नहीं खींचा जाता है।

भारतीय सेना कर रही पांच प्रतिज्ञाओं की समीक्षा

अधिकारियों ने कहा कि पाइप बैंड भी केवल कुछ पैदल सेना इकाइयों में शामिल हैं और डिनर के दौरान उनका उपयोग बहुत सीमित है क्योंकि बहुत ज्यादा यूनिट्स के पास पाइप बैंड नहीं हैं।

भारतीय सेना उन पांच प्रतिज्ञाओं के अनुरूप इन विरासत प्रथाओं की समीक्षा कर रही है जिन्हें प्रधानमंत्री ने लोगों से पालन करने के लिए कहा है।

Sapna

Sapna Yadav News Writer Daily Base News Post Agency Call - 9411668535, 8299060547, 8745005122 SRN Info Soft Technology www.srninfosoft.com

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