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राम सेतु को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल

सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर ‘राम सेतु’ को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने का अनुरोध किया गया है। अधिवक्ता अशोक पांडेय की ओर से दायर जनहित याचिका में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए वहां एक दीवार बनाने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है।

शीर्ष अदालत ने 20 मार्च को कहा कि वह इस याचिका को पूर्व में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की ओर से दायर याचिका के साथ सूचीबद्ध करेगी, जिसमें राम सेतु को राष्ट्रीय विरासत स्मारक घोषित करने के लिए केंद्र को निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। उल्लेखनीय है कि राम सेतु तमिलनाडु के दक्षिण पूर्वी तट के पास पंबन द्वीप से लेकर श्रीलंका के उत्तर पश्चिमी तट के नजदीक मन्नार द्वीप तक चूना पत्थर की चट्टानों की शृंखला है। इसे आदम का पुल भी कहा जाता है।

भाजपा नेता ने कहा था कि वह मुकदमे का पहला दौर जीत चुके हैं, जिसके तहत केंद्र सरकार ने राम सेतु के अस्तित्व को स्वीकार किया था। भाजपा नेता ने इससे पहले की यूपीए सरकार के पहले कार्यकाल में विवादास्पद सेतुसमुद्रम पोत मार्ग परियोजना के खिलाफ अपनी जनहित याचिका में रामसेतु को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने का मुद्दा उठाया था।

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अदालत ने हलनाफा दाखिल करने के दिया था निर्देश
मामला शीर्ष अदालत में पहुंचा, जिसने 2007 में रामसेतु पर परियोजना के लिए काम रोक दिया। तब केंद्र ने कहा था कि उसने परियोजना के ‘‘सामाजिक-आर्थिक नुकसान’’ पर विचार किया और वह राम सेतु को क्षति पहुंचाए बिना पोत मार्ग परियोजना का दूसरा मार्ग खोजना चाहती है। अदालत ने तब सरकार को नया हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था।

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