
नई दिल्ली
उच्चतम न्यायालय ने समलैंगिक विवाह को कानूनी मंजूरी देने से इनकार करने के अपने फैसले की समीक्षा की मांग करने वाली याचिकाएं खारिज कर दी हैं। न्यायमूर्ति बीआर गवई, न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना, न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की संविधान पीठ ने यह कहते हुए कि उन्हें अपने पिछले फैसले में रिकॉर्ड पर कोई त्रुटि नहीं दिखी, समीक्षा करने से इनकार कर दिया। याचिकाओं में उच्चतम न्यायालय की समलैंगिक विवाह को कानूनी मंजूरी देने से इनकार करने वाले 17 अक्तूबर, 2023 के फैसले की समीक्षा की मांग की गई थी।
Deprecated: htmlspecialchars(): Passing null to parameter #1 ($string) of type string is deprecated in /home/ynvicrxv1075/public_html/hindxpress.com/wp-includes/formatting.php on line 4714
चैंबर कार्यवाही के बाद गुरुवार अपने आदेश में पीठ ने कहा कि हमने न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट (पूर्व न्यायाधीश) द्वारा खुद और न्यायमूर्ति हिमा कोहली (पूर्व न्यायाधीश) द्वारा दिए गए फैसलों और हममें से एक (न्यायमूर्ति नरसिम्हा) द्वारा दिए गए फैसलों की गई सहमति वाली राय को ध्यान से पढ़ा है, जो बहुमत का मत है। शीर्ष अदालत ने आगे कहा कि दोनों फैसलों में व्यक्त किया गया मत कानून के अनुसार है। इनमें किसी हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है। पीठ ने कहा कि इस आधार पर पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज किया जाता है। न्यायालय ने समीक्षा याचिकाओं को खुली अदालत में सूचीबद्ध करने के लिए एक आवेदन को भी खारिज कर दिया।
इस मामले से संबंधित याचिकाओं पर न्यायाधीशों के कक्षों में विचार किया गया। शीर्ष अदालत के नियमों के अनुसार, समीक्षा याचिकाओं पर न्यायाधीशों द्वारा दस्तावेजों के प्रसार और अधिवक्ता की उपस्थिति के बिना न्यायाधीश कक्षों में विचार किया जाता है। शीर्ष अदालत ने पहले ही समीक्षा याचिकाओं पर खुली अदालत में सुनवाई की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना (वर्तमान मुख्य न्यायाधीश) द्वारा 10 जुलाई, 2024 को समीक्षा याचिकाओं की सुनवाई से खुद को अलग करने के बाद नई पीठ का गठन किया गया था। विशेष रूप से न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा (पांच न्यायाधीशों वाली मूल संविधान पीठ के एकमात्र सदस्य हैं) ने फैसला सुनाया, क्योंकि पूर्व मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एस के कौल, और रवींद्र भट और हिमा कोहली सेवानिवृत्त हो चुके हैं। तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ की अगवाई वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 17 अक्तूबर, 2024 को समलैंगिक विवाहों को कानूनी समर्थन देने से इनकार कर दिया था। पीठ ने कहा था कि कानून द्वारा मान्यता प्राप्त विवाहों को छोडक़र विवाह करने का कोई भी अधिकार नहीं है।
Deprecated: htmlspecialchars(): Passing null to parameter #1 ($string) of type string is deprecated in /home/ynvicrxv1075/public_html/hindxpress.com/wp-includes/formatting.php on line 4714
Deprecated: htmlspecialchars(): Passing null to parameter #1 ($string) of type string is deprecated in /home/ynvicrxv1075/public_html/hindxpress.com/wp-includes/formatting.php on line 4714
Deprecated: htmlspecialchars(): Passing null to parameter #1 ($string) of type string is deprecated in /home/ynvicrxv1075/public_html/hindxpress.com/wp-includes/formatting.php on line 4714







Deprecated: htmlspecialchars(): Passing null to parameter #1 ($string) of type string is deprecated in /home/ynvicrxv1075/public_html/hindxpress.com/wp-includes/formatting.php on line 4714