पहले 20 अब सालाना 30 लाख रुपये सैलरी, बढ़ा प्राइवेट अधिकारियों को मेहनताना
Bank Remuneration Limit: विभिन्न बैंकों के बोर्ड में नॉन-एक्जीक्यूटिव डाइरेक्टर के रूप में शामिल होने वाले लोगों को अब ज्यादा भुगतान मिलने का रास्ता साफ हो गया है. आरबीआई ने बैंकों के नॉन-एक्जीक्यूटिव डाइरेक्टर्स के मेहनताने की लिमिट बढ़ा दी है.
पहले 20 लाख रुपये तक थी लिमिट
रिजर्व बैंक के ताजे अपडेट के अनुसार, बैंक अब अपने नॉन-एक्जीक्यूटिव डाइरेक्टर को सालाना 30 लाख रुपये तक दे सकते हैं. पहले इसके लिए 20 लाख रुपये की लिमिट थी. रिजर्व बैंक ने कहा कि बैंकों के बोर्ड बैंक के आकार, नॉन-एक्जीक्यूटिव डाइरेक्टर के अनुभव व अन्य फैक्टर्स के हिसाब से 30 लाख रुपये तक के दायरे में रेमुनरेशन फिक्स कर सकते हैं.
बैंकों को करना होगा मेहनताने का खुलासा
बैंकों को अपने नॉन-एक्जीक्यूटिव डाइरेक्टर के मेहनताने के बारे में अपने एनुअल फाइनेंशियल स्टेटमेंट में खुलासा करना होगा. प्राइवेट सेक्टर के बैंकों को पार्ट-टाइम चेयरमैन के मेहनताने के लिए नियामकीय मंजूरी लेने की जरूरत होगी. सभी बैंक अपने बोर्ड में शामिल नॉन-एक्जीक्यूटिव डाइरेक्टर्स के मेहनताने को लेकर पैमाने तय करेंगे. अगर किसी मौजूदा नॉन-एक्जीक्यूटिव डाइरेक्टर के मेहनताने में कोई बदलाव किया जाता है, तो उसके लिए भी बोर्ड की मंजूरी जरूरी होगी.