भारत

मौत का तमाशा देखता रहा पूरा स्टाफ शाम को वायरल हुए

कानपुर देहात के मैथा तहसील की मड़ौली पंचायत के चाहला गांव में ग्राम समाज की जमीन से कब्जा हटाने पहुंची पुलिस और प्रशासनिक अफसरों की टीम के सामने ही झोपड़ी के भीतर मां-बेटी जिंदा जल गए। दोनों को बचाने के प्रयास में गृहस्वामी व रुरा इंस्पेक्टर भी झुलस गए। आक्रोशित लोगों ने आग लगाने का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया।

लेखपाल पर कुल्हाड़ी से हमला कर घायल कर दिया। अफसरों की टीम को दौड़ा लिया। भीड़ का गुस्सा देख टीम के अन्य लोग भाग खड़े हुए। बाद में गुस्साए लोगों ने एसडीएम, रुरा इंस्पेक्टर, तहसीलदार व लेखपाल समेत गांव के 10 लोगों पर हत्या की रिपोर्ट दर्ज किए जाने की मांग करते हुए शवों को नहीं उठने दिया।

देर रात तक मंडलायुक्त और आईजी, डीएम लोगों को समझाया, लेकिन परिजन नहीं माने। मंगलवार सुबह उच्चाधिकारी फिर से परिजनों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं। परिजन पांच करोड़, सरकारी नौकरी और दोनो बेटों के लिए आवास की मांग पर अड़े हैं।

घटना के बाद शाम को वायरल हुए वीडियो में नजर आया पूरा सच
वहीं, घटना का एक वीडियो सोमवार शाम सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें पूरा सच नजर आ रहा है। इस वीडियो में प्रमिला व उसकी बेटी शिवा जलती हुई झोपड़ी के अंदर सही सलामत मौजूद दिख रही है। जबकि, गेट के बाहर पुलिस प्रशासन दल-बल के साथ खड़ा नजर आ रहा है। इसके बाद भी दोनों महिलाओं की सबके सामने जलकर मौत हो गई।

यह भी पढ़ें ...  स्वतंत्रता दिवस के मौके पर किसान आज करेंगे ट्रैक्टर मार्च

वीडियो में प्रमिला बाहर से चिल्लाते हुए झोपड़ी के अंदर आते दिखी। इसके बाद जान देने की बात कहते हुए उसने अंदर से गेट बंद कर लिया। यह देखकर कुछ महिला सिपाही गेट के पास पहुंचीं और धक्का मारकर गेट खोल दिया। गेट खुलते ही अंदर रही प्रमिला चिल्लाते हुए सुनाई दे रही है कि इन लोगों ने आग लगा दी…।

उस वक्त आग सिर्फ छप्पर पर लगी नजर आ रही थी। जबकि, महिलाएं सकुशल खड़ी दिखीं। झोपड़ी में पीछे से भी अंदर जाने का रास्ता नजर आ रहा है। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि पुलिस के पास पर्याप्त समय होने के बाद भी महिलाओं को बचाने का प्रयास क्यों नहीं किया गया।

झोपड़ी के अंदर रहा शख्स कैसे बच गया
इसी वीडियो में महिलाओं के साथ ही एक अधेड़ उम्र का शख्स भी रस्सियों पर टंगा सामान उतारते नजर आ रहा है। गेट बंद होते वक्त भी वह शख्स अंदर ही था। सवाल इस बात का भी है कि वह शख्स कैसे बच गया…और उसने भी महिलाओं को बाहर खींचने का प्रयास क्यों नहीं किया?

साक्ष्य और बयान में अंतर 
घटना के सजीव साक्ष्य वायरल हुए वीडियो में दोनों महिलाएं जगते हुए शोर मचाते दिख रही हैं। जबकि, प्रमिला के पति कृष्ण गोपाल दीक्षित का कहना है कि उसकी पत्नी व बेटी अंदर सो रहे थे। किसी के झोपड़ी में आग लगाने से दोनों की जलकर मौत हो गई।  ऐसे में साक्ष्य और परिजनों के बयान में भी अंतर साफ नजर आ रहा है।

यह भी पढ़ें ...  CBSE Board 10th, 12th Result 2023 इस हफ्ते आ सकता, कैसे चेक

एक माह में दूसरी बार पहुंचे थे कब्जा गिराने
मैथा तहसील के मड़ौली गांव के कृष्ण गोपाल दीक्षित उर्फ राघव पर गांव में ही ग्राम समाज की जमीन पर कब्जा करने की शिकायत करीब एक महीने पहले हुई थी। 14 जनवरी को राजस्व टीम ने पहुंचकर कृष्ण गोपाल का कब्जा हटा दिया था। इससे नाराज कृष्ण गोपाल परिवार व बकरियों को लेकर कलक्ट्रेट पहुंच गया था। वह परिवार के साथ डीएम कार्यालय के सामने ही धरने पर बैठ गया था। तब पुलिस और प्रशासनिक अफसरों ने समझाकर परिवार को वापस भेजा था।

इसके बाद प्रशासन की तरफ से अकबरपुर थाने में कृष्ण गोपाल, पत्नी प्रमिला, बेटे शिवम, अंश, बेटी नेहा, बहू शालिनी व जिला गोरक्षा प्रमुख आदित्य शुक्ला के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। मैथा की तहसीलदार पूर्णिमा सिंह ने बताया कि पांच विस्वा भूमि पर कृष्ण गोपाल, उसके बेटे शिवम व अंश कब्जा कर पिलर बनवा रहे थे। जेसीबी से अवैध निर्माण गिरा दिया गया था।

न कोई नोटिस, न सूचना सीधी की कार्रवाई

जिले के बड़े भू माफिया पर कार्रवाई से बचने वाले जिले के अधिकारी सोमवार को दलबल के साथ मड़ौली गांव में कब्जा हटाने पहुंच गए। वह भी बिना किसी सूचना और नोटिस दिए। आखिर किसके दबाव में पुलिस और प्रशासनिक अफसरों ने कृष्ण गोपाल के कब्जे को ढहाने में ऐसी जल्दी की। लोग इसकी चर्चा करते रहे।

Hindxpress.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरें

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button