राजनीतिराज्यराष्ट्रीय

पूर्व सेना प्रमुख नरवणे बोले चीनी हर साल आते हैं, मार खाकर लौट जाते हैं

पूर्व सेना प्रमुख नरवणे बोले चीनी हर साल आते हैं, मार खाकर लौट जाते हैं

अरुणाचल के तवांग में भारतीय सेना के साथ हुई झड़प पर पूर्व आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे ने चीनी को हुड़दंगी और गली का गुंडा बताया। जनरल नरवणे ने कहा कि चीन की सेना खुद को 21वीं सदी की सबसे स्मार्ट और प्रोफेशनल मिलिट्री समझती है, लेकिन उनकी हरकतें हुड़दंगी और स्ट्रीट फाइटिंग से ज्यादा नहीं लगतीं।

रिटायर्ड जनरल नरवणे न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत कर रहे थे। उनसे पूछा गया कि 9 दिसंबर को तवांग सेक्टर के यांग्त्से इलाके में चीन ने जिस तरह एलएसी की स्थिति में एकतरफा बदलाव की कोशिश की क्या ये 2020 (गलवान घाटी की हिंसक झड़प) की तरह ही था?

इसके जवाब में पूर्व आर्मी चीफ ने कहा, ‘यह सिर्फ 2020 की बात नहीं है। वे (चीनी सेना) हर साल ऐसी कोशिश करते हैं। हर साल वे हमारे क्षेत्र में आने की इस तरह की 2-3 कोशिशें करते हैं और हर बार उन्हें शर्मिंदगी झेलनी पड़ती है।’

भारत पड़ोसी की धौंस का जवाब देना जानता है

जनरल नरवणे ने कहा कि चीन की सेना इस हद तक गिर चुकी है कि हुड़दंग और स्ट्रीट फाइटिंग कर रही है। उन्होंने सवाल उठाया- क्या चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी हुड़दंग करने और गली-मोहल्लों में होने वाली लड़ाईयों की तरह झड़प करने के हद तक गिर चुकी है? या वह 21वीं सदी की पेशेवर सेना है?

एक तरफ तो वे तकनीकी ताकत का प्रदर्शन करने की कोशिश करते हैं और दूसरी तरफ वे कील लगे डंडों के साथ आ रहे हैं। ये हास्यास्पद है। भारत वह देश है जिसने दुनिया को दिखाया है कि पड़ोसी की धौंस का जवाब देना मुमकिन है। मैं पूरे विश्वास के साथ समूचे देश को कह सकता हूं कि हम हमेशा तैयार हैं, हम पर जो भी फेंका जाएगा उसका जवाब देने को हम तैयार हैं।’

कई सालों से बॉर्डर पर हालात बदलने की कोशिश में चीन

पूर्व आर्मी चीफ ने कहा कि कई सालों से चीन लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर हालात बदलने की कोशिश कर रहा है। वो इसे सलामी स्लाइसिंग यानी बहुत धीरे-धीरे कदमों से आगे बढ़ा रहा है। इंटरव्यू में गलवान घाटी के सवाल पर उन्होंने कहा कि गलवान में झड़प के दौरान हमारी सेना से जितना हो सकता था, उतना अच्छा जवाब दिया गया।

यह भी पढ़ें ...  1 April: आज से आयकर समेत कई बदलाव होंगे, जिनका आपके जीवन पर होगा सीधा असर

बता दें कि 15 जून 2020 को लद्दाख के गलवान घाटी में दोनों सेनाओं के बीच झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे, जबकि चीन के 38 सैनिक मारे गए थे। हालांकि, चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी ने 4 सैनिक मारे जाने की बात ही कबूली थी।

जनरल नरवणे ने बताई झड़प की वजह

जनरल नरवणे ने तवांग में हुई झड़प का करण बताया। उन्होंने कहा कि हम हमेशा PP15 तक पेट्रोलिंग करते रहे हैं, लेकिन चीनी सैनिक हमें पेट्रोलिंग पॉइंट पर जाने से रोकने की कोशिश कर रहे थे। यह पूरी तरह से अस्वीकार्य था।

हमें पेट्रोलिंग से रोकने के लिए उन्होंने छोटी चौकी स्थापित की थी, जिस पर हमने कड़ी आपत्ति जताई थी। इसके बावजूद भी वह अड़े रहे कि हम वापस नहीं जाएंगे। इस पर हमारी सेना ने और मुखर होकर विरोध किया। जिसके बाद चीनी सैनिक और संख्या बल के साथ आएं। इसी बात पर PP15 पर झड़प हुई। हालांकि हमारी सेना उन्हें वापस भेजने के लिए काफी थी।

बाजवा के बांग्लादेश पर दिए बयान का दिया जवाब

जनरल नरवणे ने पाकिस्तान के पूर्व आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा का बयान खारिज कर दिया। बाजवा ने कहा था- 1971 के बांग्लादेश युद्ध की पराजय एक राजनीतिक हार थी, न कि पाकिस्तानी सेना की हार। भारत के सामने पाकिस्तान के सिर्फ 34 हजार सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया था ना कि 93 हजार।

यह भी पढ़ें ...  छात्रों को देखकर बस स्टॉप पर नहीं रोकी बस तो परिवहन मंत्री ने लगा दी बस ड्राइवर की क्लास,कंडक्टर ने जोड़ दिए हाथ - देखें वीडियो

जनरल नरवणे ने कहा कि आप तथ्य और इतिहास नहीं बदल सकते। इसे आप खुद से लिखने की कोशिश भी नहीं कर सकते जो बाजवा चाहते हैं। 1971 में पाकिस्तानी सेना के जनरल नियाजी को आत्मसमर्पण करते हुए दिखाती तस्वीर बताती है कि हम बिना कुछ कहे क्या कर सकते हैं। हम अन्य देशों के प्रमुखों को बताते थे कि वे कौन हैं।

करगिल के दौरान भी उन्होंने सच्चाई को स्वीकार नहीं किया। उन्हें यह स्वीकार करने में काफी समय लगा कि वास्तव में उन्हें शव वापस नहीं मिले और उन्होंने यह स्वीकार नहीं किया कि जो लोग मारे गए हैं वे भाड़े के सैनिक हैं।

अरुणाचल के तवांग ने चीनी सैनिकों ने भारत में घुसने की कोशिश की

अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर के यांगत्से इलाके में चीन की सेना PLA ने 9 दिसंबर की रात 600 चीनी सैनिकों ने 17 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित भारतीय पोस्ट को हटाने के लिए घुसपैठ की कोशिश की थी। यह पोस्ट यांगत्से में है। भारतीय सैनिकों ने चीनियों को खदेड़ दिया। इस झड़प में दोनों पक्षों के कुछ सैनिक जख्मी हुए हैं।.

अरुणाचल के तवांग में 9 दिसंबर को भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़प को लेकर सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो भी वायरल हो रहे हैं। यूजर्स कह रहे हैं कि ये तवांग झड़प के वीडियो हैं।

अरुणाचल के तवांग में 9 दिसंबर को भारतीय और चीनी सैनिकों की झड़प के दो दिन बाद चीन ने अपने शिगात्से पीस एयरपोर्ट पर 10 एयरक्राफ्ट तैनात किए थे। इसका खुलासा सैटेलाइट इमेज में हुआ है। ये इमेज मैक्सार टेक्नोलॉजीज ने जारी की हैं। इसके मुताबिक भारत-चीन बॉर्डर यानी LAC से करीब 155 किलोमीटर दूर चीन की मिलिट्री एक्टिविटीज देखी गईं।

Hindxpress.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरें

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button