JABALPUR NEWS एक जिला एक उत्पाद योजना के तहत जबलपुर की चयनित फसल हरा-मटर है। इसके उत्पादन को प्रोत्साहित करने से लेकर उसके प्रसंस्करण और निर्यात तक को प्रोत्साहित करने के लिए प्रशासन की ओर से हरसंभव प्रयासों का दावा किया जा रहा है, लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद इन दिनों मटर की फसल ले रहे किसान परेशान हैं। उनका कहना है कि मटर की तुड़ाई और परिवहन सहति कुल लागत भी निकाल पाना मुश्किल पड़ रहा है। जिले में पाटन, शहपुरा, सिहोरा और मझौली क्षेत्र के 35 हजार हेक्टेयर में मटर की बुवाई की गई है। उसकी तुड़ाई चार रुपये और परिवहन पर छोटे किसानों का करीब चार रुपये के आस-पास खर्च हो रहे हैं। इसके अलावा बुआई से लेकर अब की गई देखरेख को और जोड़ दिया जाए तो कुल खर्च 12 रुपये प्रति किलो के आस-पास पहुंच जाता है। जबकि थोक बाजार में किसानों से मटर 11 से 13 रुपये के बीच ही निकल पा रहा है।