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Chandigarh : खालिस्तान बनाने की पूरी तैयारी कर ली थी अमृतपाल ने, फौज के साथ झंडा, करेंसी और नक्शे का मिला खाका

अमृतपाल ने खालिस्तान बनाने की पूरी तैयार कर रखी थी। उसके गनमैन तेजिंदर सिंह गिल के मोबाइल से खालिस्तान की करेंसी, नक्शा और झंडे की फोटो मिली है। करेंसी पर एक तरफ श्री दरबार साहिब और दूसरी ओर भिंडरावाले की तस्वीर है। मोबाइल से फायरिंग रेंज में युवाओं को हथियारों से ट्रेनिंग देने के वीडियो और फोटो बरामद हुए हैं। फायरिंग रेंज में जो लोग हथियार चलाना सीख रहे थे, अमृतपाल ने उन लोगों को आनंदपुर खालसा फोर्स (एकेएफ) के बेल्ट नंबर (एकेएफ3, एकेएफ 6) भी दे रखे थे।

खन्ना की एसएसपी अमनीत कौंडल ने शुक्रवार को बताया कि तेजिंदर सिंह गिल अमृतपाल का करीबी था। सोशल मीडिया पर उसकी हथियारों संग कई फोटो हैं। उसके नाम पर कोई शस्त्र लाइसेंस जारी नहीं हुआ था। तेजिंदर भी एक ड्रग एडिक्ट था।

वह नशा छुड़ाने के लिए अमृतपाल के नशा मुक्ति केंद्र में दाखिल हुआ था। इसी दौरान उसे हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी गई और उसे अमृतपाल का गनमैन बना दिया गया। उसके मोबाइल से पता चला है कि अमृतपाल ने अपने गिरोह के सदस्यों के लिए दो व्हाट्सएप ग्रुप आनंदपुर खालसा फौज और अमृतपाल टाइगर फोर्स बना रखे थे। खालसा फौज में नए युवाओं को जोड़ा जाता था, जबकि टाइगर फोर्स के सदस्य अमृतपाल के करीबी थे। एसएसपी ने बताया कि दोनों ग्रुपों की चैट का विश्लेषण किया जा रहा है। एक फोटो में अमृतपाल का फाइनेंसर दलजीत कलसी भी दिख रहा है। तेजिंदर का पुराना आपराधिक रिकॉर्ड भी है। उस पर एक मामला शराब तस्करी और दूसरा लड़ाई झगड़े का दर्ज था। वह अजनाला थाने पर हुए हमले और खालसा वहीर समागम में भी शामिल था।

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पेशावर तक नक्शा, चार रियासतें
पुलिस को खालिस्तान का जो नक्शा मिला है, उसमें खालिस्तान की सीमाएं पंजाब, हरियाणा, जम्मू कश्मीर, लाहौर, पेशावर और तिब्बत तक दिखाई गई है। अमृतपाल ने चार सिख रियासतें भी बनाई हुई थी। इन रियासतों में कपूरथला, पटियाला, फरीदकोट व जींद शामिल है। नक्शे में अंग्रेजी में खालसा इंपायर और पंजाबी में खालसा राज लिखा है। वहीं, करेंसी को डॉलर का रूप दिया है। इसमें पंजाबी भाषा के बजाय अंग्रेजी में लिखा गया है।

हथियारों पर लगे थे टेलीस्कोप
तेजिंदर सिंह उर्फ गोरखा बाबा से पूछताछ में सामने आया है कि अमृतपाल ने अपने साथियों को जो हथियार दे रखे थे, उनमें लंबी दूरी तक देखने वाले टेलीस्कोप लगे थे, ताकि दूर से ही लक्ष्य को निशाना बनाया जा सके। तेजिंदर ने बताया कि गुरभेज सिंह दो महीने पहले दस बुलेटप्रूफ जैकेट लेकर आया था। इसमें एकेएफ का लोगो लगा था। इन जैकेट का प्रयोग गांव जल्लूखेड़ा की शूटिंग रेंज में प्रैक्टिस के दौरान किया जाता था। वहीं, उसने एक हुंदल नाम के व्यक्ति का खुलासा किया है, जो अमृतपाल का करीबी था और सारे हथियारों का रख-रखाव वही देखता था।

पाकिस्तान नागरिक का ड्राइविंग लाइसेंस मिला
तेजिंदर के मोबाइल से एक पाकिस्तान नागरिक का ड्राइविंग लाइसेंस मिला है। पुलिस यह जांच कर रही है कि आखिर इसके पीछे क्या मंशा है। पुलिस का कहना है जांच के बाद ही कुछ बता पाएंगे।

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