राजनीति

chhattisgarh के धमतरी जिले सीमा पर तैनात पंचतत्व में विलीन हुए शहीद मनीष नेताम का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया

chhattisgarh के जिले में लेह लद्दाख सीमा पर तैनात धमतरी जिले के जवान मनीष नेताम (24 वर्ष) 28 दिसंबर को ड्यूटी के दौरान शहीद हो गए थे। शनिवार को उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ उनके गृहग्राम धमतरी जिले के खरेंगा में किया गया। जवान मनीष नेताम सेना के मराठा रेजीमेंट में तैनात थे।

लेह लद्दाख में माइनस 20 डिग्री सेल्सियस तापमान में ड्यूटी कर रहे जवान की तबीयत बुधवार को अचानक बिगड़ी थी। उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। इलाज के दौरान सेना के अस्पताल में उनकी मौत हो गई थी। जवान का अंतिम संस्कार 30 दिसंबर को होना था, लेकिन लद्दाख में भारी बर्फबारी के चलते सेना का हेलीकॉप्टर 29 दिसंबर को उड़ान नहीं भर सका।

दूसरे दिन शुक्रवार को सुबह सेना के चॉपर से जवान के शव को रवाना किया गया, जिसके बाद देर शाम उनका पार्थिव देह 6.30 बजे रायपुर स्थित माना एयरपोर्ट पहुंचा। इसके बाद शव को सड़क मार्ग से धमतरी रवाना किया गया। शुक्रवार रात करीब 9 बजे जवान मनीष नेताम का शव धमतरी पहुंचा, जहां उसे जिला अस्पताल के मर्च्युरी में रखा गया।

शनिवार को शहीद जवान के पार्थिव शरीर को उनके गृहग्राम खरेंगा लाया गया, जहां अंतिम दर्शन के लिए उनका शव स्कूल मैदान में रखा गया। वहां सैकड़ों की संख्या में गांववाले, अधिकारी और सेना के जवान मौजूद रहे। इसके बाद मुक्तिधाम के लिए पार्थिव शरीर को रवाना किया गया, जहां रास्तेभर लोगों ने भारत माता के इस सपूत के बलिदान की जय-जयकार की।

उन्हें जगह-जगह श्रद्धांजलि दी गई। राष्ट्रीय धुन पर उनकी शवयात्रा गांव के मुख्यमार्गों से होते हुए मुक्तिधाम पहुंची। उनकी अंत्येष्टि में सभी ग्रामीण शामिल हुए। उनके सम्मान में एक दिन के लिए कृषि कार्य समेत सभी काम स्थगित रखे गए।

शहीद जवान मनीष नेताम के पड़ोसी सेवानिवृत्त आर्मी जवान दिलीप साहू, शिक्षक परमेश्वर साहू ने बताया कि लेह लद्दाख में भारी बर्फबारी हो रही है। मौसम खराब होने के चलते सेना का हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर सका था। गुरुवार रात 8 बजे तक परिजनों को जानकारी मिली थी कि जवान मनीष नेताम का पार्थिव शरीर 30 दिसंबर को लेह लद्दाख से धमतरी गृहग्राम के लिए रवाना किया जाएगा।

आर्मी जवान मनीष नेताम के निधन की खबर से खरेंगा में शोक की लहर है। एसडीएम डॉ विभोर अग्रवाल सहित अन्य पुलिस अफसरों ने गांव पहुंचकर अंतिम संस्कार और शव यात्रा की तैयारी देखी और परिजनों से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दी।

पिता बोले मनीष के अंदर बचपन से था देशभक्ति का जज्बा

शहीद जवान मनीष राजेंद्र नेताम और शंकुतला नेताम के इकलौते बेटे थे। बहन खिलेश्वरी शादी होकर ससुराल चली गई हैं, जो भाई को अंतिम विदाई देने अपने मायके पहुंचीं। खिलेश्वरी के पति धर्मेंद्र भी सेना में बिहार रेजीमेंट में पदस्थ हैं। वर्तमान में वे छुट्‌टी पर घर आए हुए थे।

मनीष उनके दोस्त भी थे, इसलिए उनके निधन से जीजा धर्मेंद्र को भी गहरा धक्का लगा है। हालांकि उन्होंने कहा कि मातृभूमि के लिए शहीद हो जाना एक सैनिक और उसके परिवार के लिए गर्व की बात है।

मनीष के पिता राजेन्द्र नेताम मजदूर हैं। मां शकुंतला आंगनबाड़ी में सहायिका हैं। पिता राजेंद्र ने कहा कि बेटे ने अपनी गरीबी को कभी सफलता या शिक्षा में बाधा नहीं बनने दिया। अपनी मेहनत और लगन से साल 2018 में सेना में नौकरी पाई। देशभक्ति का जज्बा उसके अंदर भरा था।

बेटी की शादी के बाद उनके पिता राजेंद्र नेताम अपने बेटे मनीष की शादी के लिए लड़की ढूंढ रहे थे, इसी बीच उनकी मौत की खबर घर पहुंची। मृत जवान मनीष एक गरीब परिवार से थे, लेकिन बचपन से ही वे बहुत होनहार थे। पढ़ाई-लिखाई में अच्छे थे और सेना में जाना उनका सपना था। दो महीने पहले अपनी बहन की शादी में वे घर आए थे।

पिता ने बताया कि पढ़ाई के समय से ही मनीष समाज और देश सेवा की ही बात करता था। देशभक्ति उसमें कूट-कूटकर भरी हुई थी और इसलिए मनीष ने सेना में जाने का फैसला किया था।जवान ने अपनी गरीबी को कभी सफलता या शिक्षा में बाधा नहीं बनने दिया और अपनी मेहनत और लगन से सेना में नौकरी पाई।

मनीष की शहादत से मड़ई स्थगित

जवान मनीष नेताम की शहादत के कारण 29 दिसंबर को गांव में आयोजित होने वाला मड़ई मेला स्थगित कर दिया गया था। ​​​​​ग्राम विकास समिति के अध्यक्ष सुभाष साहू और सचिव हिरेंद्र साहू और सरपंच अमेरिका ध्रुव ने ग्रामीणों के साथ विचार-विमर्श बाद ये फैसला लिया था।

Sapna

Sapna Yadav News Writer Daily Base News Post Agency Call - 9411668535, 8299060547, 8745005122 SRN Info Soft Technology www.srninfosoft.com

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