35 रुपए रिश्वत…फिर नकली किसान बन पूरे थाने को सस्पेंड किया चौधरी चरण सिंह ने…
किसानों के नेता चौधरी चरण सिंह का प्रधानमंत्रित्व काल बहुत ज्यादा नहीं था, लेकिन अपने साढ़े पांच माह (28 जुलाई 1979 से 14 जनवरी 1980) के प्रधानमंत्रित्व कार्यकाल में उन्होंने किसानों के कल्याणार्थ इतने कार्य किये कि आज उनके जन्मदिन पर उन्हें किसानों का नेता के रूप में याद किया जाता है, और उनकी जयंती (23 दिसंबर) को राष्ट्रीय किसान दिवस के रूप में मनाया जाता है।
दिल्ली: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संसद में पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती के अवसर पर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की।
#WATCH दिल्ली: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संसद में पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती के अवसर पर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। pic.twitter.com/iQM2YdZtnA
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 23, 2023
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों के सम्मान समारोह में कहा, “वे(चौधरी चरण सिंह) स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। अच्छे प्रशासक और एक महान किसान नेता थे… मैं प्रदेश सरकार और प्रदेशवासियों की ओर से उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। पिछले 9 वर्षों में हमने बदलते भारत को देखा है। पहली बार देश के अन्नदाता किसानों ने इस बात को महसूस किया है कि किसान भी किसी सरकार के एजेंडे का हिस्सा है…”
#WATCH उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों के सम्मान समारोह में कहा, "वे(चौधरी चरण सिंह) स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। अच्छे प्रशासक और एक महान किसान नेता थे… मैं प्रदेश सरकार और प्रदेशवासियों की ओर से उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। पिछले 9 वर्षों… pic.twitter.com/LdVhd8efup
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नकली किसान बन पूरे थाने को सस्पेंड किया चौधरी चरण सिंह ने
दरअसल, बात 1979 यानि 44 साल पहले की है, देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह एक शाम एक किसान मैला-कुचैला धोती पहने ऊसराहार (इटावा) पुलिस थाने में पहुंच कर थानेदार से कहा कि वह मेरठ से ऊसराहार में बैल खरीदने आये थे, लेकिन रास्ते में किसी व्यक्ति ने उनके पैसे लूट लिए, उन्होंने थानेदार से कहा कि आप प्राथमिकी दर्ज कर लीजिए। थानेदार ने चौधरी चरण सिंह को किसान समझ थाने से भगा दिया, तभी वहां मौजूद एक पुलिसकर्मी ने उनसे चाय-पानी के एवज में 35 रुपये लेकर रिपोर्ट लिखवाई। रिपोर्ट लिखकर मुंशी ने चौधरी चरण सिंह से पूछा कि वे हस्ताक्षर करेंगे या साइन , किसान(चौधरी चरण सिंह ) ने पेन लिया और चौधरी चरण सिंह का साइन करके जेब से मुहर निकालकर पेपर पर लगाया तो उस पर लिखा ‘प्रधानमंत्री भारत सरकार’ देखकर दरोगा हैरान रह गया, उसने माफी मांगी, मगर चरण सिंह ने पूरे थाने को सस्पेंड करने का आदेश दिया और अपने काफिले के साथ वापस आ गये.