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लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न;भावुक हुए लालकृष्ण आडवाणी; जानिए क्या हैं मायने?

भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से नवाजा जाएगा। केंद्र सरकार ने उन्हें सर्वोच्च नागरिक सम्मान देने का एलान किया है। जिसके बाद से तमाम भाजपा नेताओं ने खुशी की लहर है। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर तस्वीर साझा करते हुए इस फैसले की जानकारी दी। ‘भारत रत्न’ की घोषणा के बाद देश भर के नेता लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न मिलने की घोषणा पर बधाई दे रहे हैं. दरअसल पीएम मोदी ने जानकारी देते हुए सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि एलके आडवाणी हमारे समय के सबसे सम्मानित राजनेताओं में से एक हैं और भारत के विकास में उनका महत्वपूर्ण योगदान है। लालकृष्ण आडवाणी ने सम्मान पर कहा कि यह मेरे लिए गौरवान्वित करने वाला पल है।

 

लालकृष्ण आडवाणी को राष्ट्रपति बनाकर उनका सम्मान कर सकती थी लेकिन..

भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी को भारत रत्न देने की घोषणा पर शिवसेना(UBT) सांसद संजय राउत ने कहा, “…प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति बनने का जिनका अधिकार और हक था उन्हें तो ऐसी जगह कर दिया गया जहां सब उन्हें भूल गए, भाजपा भी उन्हें भूल गई… जब मौका आया तो उन्हें दरकिनार कर दिया गया और अब उन्हें भारत रत्न दे रहे हैं। मैं इस फैसले का स्वागत करता हूं, वे इसके हकदार हैं, उनका देश के विकास में योगदान रहा है… वे(भाजपा) लालकृष्ण आडवाणी को राष्ट्रपति बनाकर उनका सम्मान कर सकती थी लेकिन उन्होंने वह नहीं किया…”

 

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लाल कृष्ण आडवाणी को भारत रत्न देने की घोषणा पर उनकी बेटी प्रतिभा आडवाणी का इसपर कहना है, “मुझे और पूरे परिवार को बहुत खुशी है। निश्चित ही आज मुझे जिसकी सबसे ज्यादा याद आ रही है वो मेरी मां हैं, जिनका दादा (लालकृष्ण आडवाणी) के जीवन में बहुत बड़ा योगदान रहा है।

प्रतिभा ने बताया कि (लालकृष्ण आडवाणी) भारत रत्न की घोषणा के बाद जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे बात की तो वह बहुत भावुक हो गए थे। उनकी आंखों में आंसू आ गए थे। प्रतिभा कहती हैं, “लालकृष्ण आडवाणी जी बहुत भावुक हैं। जब वह तिरंगे को नमन करते हैं तब भी उनकी आंखों में आंसू आ जाते हैं। उनकी कोई सराहना करता है तब भी उनकी आंखों में आंसू आ जाते हैं। जब देश की कोई बात आती है तब भी बहुत भावुक हो जाते हैं.”

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आखिर 10 साल सत्ता में रहने के बाद आडवाणी को भारत रत्न देने का यह फैसला अब क्यों लिया गया?
भाजपा समर्थक काफी लंबे समय से लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न देने की मांग कर रहे थे। ऐसे में अब सवाल उठता है कि क्या यह सम्मान साल 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए दिया गया है? आखिर 10 साल सत्ता में रहने के बाद यह फैसला अब क्यों लिया गया?

 

विभाजन के बाद पाकिस्तान से भारत आया था लालकृष्ण आडवाणी का परिवार
लालकृष्ण आडवाणी का जन्म पाकिस्तान के कराची में 8 नवंबर 1927 को एक हिंदू सिंधी परिवार में हुआ था। आडवाणी की शुरुआती शिक्षा कराची के सेंट पैट्रिक हाई स्कूल से हुई थी। भारत-पाकिस्तान विभाजन के बाद आडवाणी का परिवार पाकिस्तान छोड़कर भारत के मुंबई में आकर बस गया।लालकृष्ण आडवाणी विभाजन से पहले से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े थे और भारत आने के बाद वे आरएसएस के प्रचारक बन गए। आरएसएस के साथ उन्होंने राजस्थान में काम किया। साल 1957 में आडवाणी जनसंघ के लिए काम करने के लिए दिल्ली आ गए। दिल्ली में लालकृष्ण आडवाणी अटल बिहारी वाजपेयी के घर में ही रहे थे।

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